विज्ञापन

एस जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री की मुलाकात, दोनों देशों के संबंधों पर हुई चर्चा

चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने 21 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका की राजधानी जोहानसबर्ग में भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ मुलाकात की। इस मौके पर वांग यी ने कहा कि पिछले साल चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के कज़ान में सफल मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंधों को.

- विज्ञापन -

चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने 21 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका की राजधानी जोहानसबर्ग में भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ मुलाकात की। इस मौके पर वांग यी ने कहा कि पिछले साल चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के कज़ान में सफल मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने और विकसित करने की दिशा तय की। दोनों पक्षों ने सहमति बनाई कि दो प्राचीन सभ्यता वाले देश और बड़े पड़ोसी देश होने के नाते चीन और भारत को आपसी विश्वास, एक दूसरे का समर्थन और पारस्परिक उपलब्धि हासिल करनी होगी। 

दोनों देशों का विभिन्न स्तरीय आदान-प्रदान सुव्यवस्थित रूप से बहाल हो रहा है। सीमा मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधियों ने ठोस मतभेद का उचित निपटाने पर सहमति बनाई। चीन और भारत के बीच आपसी विश्वास बहाल करना और सहयोग व समान जीत प्राप्त करना दोनों देशों के लोगों की समान अपेक्षा के अनूरूप है। दोनों पक्षों को नेताओं के बीच संपन्न सहमति के अनुसार द्विपक्षीय संबंधों को हमेशा सही रास्ते पर बढ़ाने को सुनिश्चित करना चाहिए। चीन भारत के साथ कूटनीतिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में कार्यक्रमों की योजना बनाना चाहता है, ताकि द्विपक्षीय संबंधों के विकास में नई उम्मीद जग सके।

वहीं, जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच मुलाकात ने भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय संबंधों के पुनर्निर्माण के लिए महत्वपूर्ण मार्गदर्शन प्रदान किया। दोनों पक्षों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में आदान-प्रदान धीरे से बहाल हो रहा है और स्पष्ट प्रगति मिली। भारत और चीन के बीच आपसी विश्वास दोनों पक्षों के हितों के अनुरूप है। भारत चीन के साथ संबंधों में कड़ी मेहनत से प्राप्त सुधार को मूल्यवान समझता है और चीन के सथ सहयोग व्यवस्था तेजी से बहाल करने तैयार है, ताकि सांस्कृतिक आवाजाही बढ़ सके, लोगों के बीच आदान-प्रदान सुविधाजनक बन सके और सीमांत क्षेत्रों में शांति व स्थिरता की रक्षा की जा सके। आज दुनिया विभाजन और ध्रुवीकरण के खतरे का सामना कर रही है। जी20, एससीओ और ब्रिक्स के सदस्य होने के नाते भारत और चीन के बीच अंतर्राष्ट्रीय सहयोग मजबूत करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। भारत चीन के साथ इस पर संपर्क और समन्वय बढ़ाना चाहता है।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

Latest News