लंदनः ब्रिटेन की गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन ने सोमवार को कहा कि सरकार ब्रिटेन में आने वाले अवैध शरणाíथयों को इलेक्ट्रॉनिक टैग प्रदान करने पर विचार कर रही है ताकि उन पर नजर रखी जा सके। भारतीय मूल की मंत्री उस खबर पर प्रतिक्रिया दे रही थी जिसमें दावा किया गया है कि नए अवैध आव्रजन अधिनियम के तहत शरणार्थियों की टैंगिंग के लिए जीपीएस ट्रैकर लगाए जाएंगे। खबर में कहा गया है कि गृह कार्यालय के अधिकारी इसे उन शरणार्थियों को देश के अन्य हिस्सों में गायब होने से रोकने के तरीके के रूप में देख रहे हैं जिन्हें निरुद्ध केंद्रों में जगह नहीं होने के कारण उनमें नहीं रखा जा सकता।
ब्रेवरमैन ने एक साक्षात्कार के दौरान कहा, कि ‘हमने अपने अवैध आव्रजन अधिनियम के रूप में एक ऐतिहासिक समझौते को लागू किया है जो हमें अवैध रूप से यहां आए लोगों को हिरासत में रखने और फिर उन्हें रवांडा जैसे सुरक्षित देश में भेजने का अधिकार देता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर हमें उन्हें ब्रिटेन से हटाना है तो कुछ हद तक नियंत्रण करने की आवश्यकता है। हम कई विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। हमारे पास कुछ हजार निरुद्ध केंद्र हैं।’’ मंत्री ने कहा, ‘‘हम उन्हें बढ़ाने पर काम करेंगे लेकिन यह स्पष्ट है कि हम कई विकल्प तलाश रहे हैं ताकि हम लोगों पर नजर रख सकें जिससे कि वे हमारी व्यवस्था के जरिए आवागमन कर सकें।’’
ब्रेवरमैन ने माना कि सरकार को और निरुद्ध केंद्र मुहैया करने पड़ सकते हैं लेकिन उसे शरणाíथयों को रवांडा प्रर्त्यिपत करने की योजनाओं के खिलाफ कानूनी चुनौतियों के नतीजे का इंतजार करना होगा। इस बीच, ब्रिटेन का गृह विभाग शरणाíथयों को पनाह देने के लिए बिब्बी स्टॉकहोम आवासीय पोत का इस्तेमाल करने को लेकर ‘फायर ब्रिगेड यूनियन’ से संभावित कानूनी चुनौती का भी सामना कर रहा है। पोर्टलैंड में खड़े इस जहाज की सुरक्षा को लेकर चिंता पैदा हो गयी है। पानी में लेगियोनेला बैक्टीरिया पाए जाने के बाद जहाज से शरणाíथयों को हटा दिया गया है।