बर्लिनः संयुक्त राष्ट्र की एक नई रिपोर्ट के अनुसार अगर दुनिया खतरनाक ‘ग्लोबल वार्मिंग’ से बचना चाहती है तो इस बात का ध्यान रखना होगा कि समय हाथ से निकलता जा रहा है। यह रिपोर्ट सोमवार को जारी होने की उम्मीद है। 2015 में हुए पेरिस जलवायु समझौते के बाद से ‘ग्लोबल वार्मिंग’ पर हुए शोध के सिलसिलेवार तरीके से प्रस्तुत सार पर यह रिपोर्ट आधारित है। इसे स्विटजरलैंड के शहर ‘इंटरलेकन’ में जलवायु परिवर्तन रिपोर्ट पर संयुक्त राष्ट्र की अंतर सरकारी समिति की एक सप्ताह तक हुई बैठक के अंत में मंजूरी दी गई है।
बैठक की शुरुआत में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने प्रतिनिधियों को चेतावनी दी कि पृथ्वी ऐसे मोड़ पर पहुंच गई है, जहां से वापस नहीं जाया जा सकता। उन्होंने प्रतिनिधियों से कहा कि ‘ग्लोबल वार्मिंग’ की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहमति प्राप्त सीमा 1.5 डिग्री सेल्सियस (2.7 फारेनहाइट) लांघने का खतरा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि मुख्य रूप से जीवाश्म ईंधन के जलने, वनों की कटाई और गहन कृषि के कारण कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य ग्रीनहाउस गैसों का वैश्विक उत्सजर्न बढ़ता जा रहा है। ऐसा तब हो रहा है जब इसे कम करने की जरूरत है। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर दुनिया खतरनाक ‘ग्लोबल वार्मिंग’ से बचना चाहती है तो इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि समय निकलता जा रहा है।