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विदेशी निवेशक चीन को “नखलिस्तान” और “गर्म भूमि” क्यों मानते हैं?

China: आज की दुनिया में, एकतरफावाद और संरक्षणवाद के कारण अनिश्चितता फैल रही है, जिससे बहुराष्ट्रीय कंपनियों के अधिकारी काफी असहज हो रहे हैं। 28 मार्च की सुबह चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने चीन की राजधानी पेइचिंग में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार समुदाय के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। इस दौरान, उन्होंने बल देते हुए कहा कि चीन.

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China: आज की दुनिया में, एकतरफावाद और संरक्षणवाद के कारण अनिश्चितता फैल रही है, जिससे बहुराष्ट्रीय कंपनियों के अधिकारी काफी असहज हो रहे हैं।

28 मार्च की सुबह चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने चीन की राजधानी पेइचिंग में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार समुदाय के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। इस दौरान, उन्होंने बल देते हुए कहा कि चीन में एक बड़ा व्यापारिक मंच, व्यापक बाजार संभावनाएं, स्थिर नीतिगत अपेक्षाएं और अच्छी सुरक्षा स्थिति है, जो विदेशी वित्त पोषित उद्यमों के लिए निवेश करने और व्यवसाय शुरू करने के लिए अनुकूल उपजाऊ जमीन है।

बैठक में विदेशी निवेश वाले उद्यमों के 40 से अधिक वैश्विक अध्यक्षों, मुख्य कार्यकारी अधिकारियों और व्यापारिक संघों के प्रतिनिधियों ने चीन को “निश्चितता का नखलिस्तान तथा निवेश और व्यापार की गर्म भूमि” मानी और चीन में निवेश व सहयोग को दृढ़तापूर्वक बढ़ाने तथा चीनी बाजार में अपनी उपस्थिति को गहरा करने के लिए अपना दृढ़ संकल्प व्यक्त किया।

वर्तमान में, वैश्विक आर्थिक सुधार सुस्त है, व्यापार घर्षण बढ़ रहा है, और विकास की गतिज ऊर्जा स्पष्ट रूप से अपर्याप्त है। विशेष रूप से, संयुक्त राज्य अमेरिका ने दुनिया भर में “व्यापार युद्ध” भड़काया है, जिससे अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक व्यवस्था बाधित हुई है।

निवेशकों के लिए, विकास के लिए निश्चितता पूर्वापेक्षा है। चीन की निश्चितता मुख्यतः नीतिगत अपेक्षाओं से आती है। जैसा कि राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने बैठक के दौरान जोर दिया कि चीन का “खुलेपन का द्वार केवल व्यापक से व्यापक रूप से खुलेगा, तथा विदेशी निवेश का उपयोग करने की नीति में कोई परिवर्तन नहीं आया है और न ही इसमें कोई परिवर्तन होगा।”

दूसरी तरफ़, चीन की निश्चिंतता सुरक्षित विकास वातावरण से भी आती है। चीन ने लम्बे समय से राजनीतिक स्थिरता और सामाजिक स्थिरता बनाए रखी है और इसे दुनिया के सबसे सुरक्षित देशों में से एक माना जाता है। चीन में निवेश करना और व्यापार करना निस्संदेह आश्वस्त करने वाला है।

निवेश करते और व्यवसाय शुरू करते समय, न केवल पर्यावरण, बल्कि बाजार पर भी विचार किया जाना जरूरी है। चीन विश्व का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता बाज़ार है, जिसमें विश्व का सबसे बड़ा मध्यम आय वर्ग तथा विशाल निवेश और उपभोग क्षमता है।

उल्लेखनीय बात है कि पारंपरिक उपभोग के अलावा, जिसमें अभी भी वृद्धि की काफी गुंजाइश है, चीन की सेवा खपत भी तेजी से बढ़ रही है। साल 2024 में, चीनी निवासियों की प्रति व्यक्ति सेवा खपत लगभग 46% थी, जबकि विकसित देशों में, प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद 10,000 अमेरिकी डॉलर से अधिक होने के बाद, सेवा खपत का अनुपात आम तौर पर 50% से ऊपर होता है।

अच्छे वातावरण और बड़े बाजार के साथ-साथ, चीन में अभी भी विकास की मजबूत गति है। विश्लेषकों का कहना है कि साल 2025 चीन के वैज्ञानिक और तकनीकी नवाचार के लिए एक महत्वपूर्ण वर्ष होगा। हरित, डिजिटल और बुद्धिमान परिवर्तन की त्वरित प्रगति के चलते, मजबूत औद्योगिक सहायक क्षमताओं के साथ-साथ, चीन वैज्ञानिक व तकनीकी क्रांति और औद्योगिक परिवर्तन के एक नए दौर के लिए सबसे अच्छा अनुप्रयोग परिदृश्य बन जाएगा।

यह उम्मीद की जा सकती है कि चीन में, इस “नखलिस्तान” और “गर्म भूमि” में, विदेशी पूंजी को अधिक अवसर मिलेंगे, और वे अधिक गहराई से महसूस करेगी कि चीन के साथ चलने का मतलब अवसरों के साथ चलना है, चीन पर विश्वास करने का मतलब कल पर विश्वास करना है, और चीन में निवेश करने का मतलब भविष्य में निवेश करना है।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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