India and China: जब बात 21वीं सदी की आती है, तो महिलाओं के हक और सशक्तिकरण को लेकर पूरी दुनिया में जागरूकता बढ़ी है। हर साल 8 मार्च को दुनियाभर में मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर भारत और चीन जैसे बड़े देश भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। लेकिन, महिलाओं की ताकत और उनकी कामयाबी सिर्फ एक दिन की बात नहीं है। दोनों देशों में महिलाओं ने अपनी मेहनत और लगन से समाज के हर कोने में अपनी मजबूत पहचान बनाई है।
अगर चीन की बात करें, तो वहां की राजनीति में महिलाओं की भागीदारी लगातार बढ़ रही है। चीनी संसद में आज करीब 25% महिलाएं हैं, जो वैश्विक औसत से भी ज्यादा है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व में महिलाओं ने देश के निर्माण, सुधार और विकास में खास भूमिका निभाई है। आज चीन अगर दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बन पाया है, तो उसमें महिलाओं का योगदान भी कम नहीं है। चीन में विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में 47% से ज्यादा महिलाएं काम कर रही हैं। इसके अलावा, एजुकेशन और हेल्थ सेक्टर में भी महिलाओं ने कमाल कर रखा है।
अब जरा भारत पर नजर डालें। यहां सबसे बड़े पद पर भी एक महिला हैं – द्रौपदी मुर्मू, जो भारत की राष्ट्रपति हैं। देश की राजधानी दिल्ली की कमान भी रेखा जैन के हाथ में है, और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी अपने काम से मिसाल पेश कर रही हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव में 74 महिला सांसद चुनी गईं, जो इस बात का सबूत है कि भारतीय राजनीति में महिलाओं की मौजूदगी लगातार बढ़ रही है। आनंदी बेन पटेल उत्तर प्रदेश की राज्यपाल हैं, और देश की आर्थिक नीतियों की बागडोर निर्मला सीतारमण संभाल रही हैं।
लेकिन महिलाओं की ताकत सिर्फ राजनीति तक सीमित नहीं है। भारत में महिलाएं कृषि, आईटी, स्वास्थ्य, शिक्षा और स्टार्टअप्स जैसे क्षेत्रों में भी धाक जमा रही हैं। गांव हो या शहर, महिलाओं की स्थिति में काफी सुधार हुआ है। वहीं, चीन में महिलाएं टेक्नोलॉजी, व्यापार, हेल्थ और मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में बड़ी भूमिका निभा रही हैं। दोनों देशों में कृषि कार्यों में करीब 40% हिस्सेदारी महिलाओं की है और छोटे-मोटे व्यापार में भी उनकी अहम भागीदारी है।
भारत और चीन दोनों ने महिलाओं के संरक्षण और उनके अधिकारों को लेकर कई कानून बनाए हैं। आज इन देशों की महिलाएं आसमान छू रही हैं, मर्दों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं, और हर क्षेत्र में अपनी काबिलियत साबित कर रही हैं– फिर चाहे वो घर हो, ऑफिस हो, राजनीति हो या बिजनेस।
सच कहें, तो भारत और चीन की महिलाओं की मेहनत, हुनर और जज्बा सिर्फ अपने देश तक सीमित नहीं है, बल्कि ये पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा हैं।
(चाइना मीडिया ग्रुप, बीजिंग)