Year 2025 : नए साल 2025 के आगमन पर, चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने-अपने देशों के नागरिकों को संबोधित किया। दोनों नेताओं ने बीते साल की उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए आगामी चुनौतियों और प्राथमिकताओं का खाका पेश किया। राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने चीन के लोगों को संबोधित करते हुए 2024 की प्रमुख उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि चीन ने आर्थिक स्थिरता बनाए रखने और विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की। उन्होंने नवाचार, पर्यावरण संरक्षण, और गरीबी उन्मूलन जैसे क्षेत्रों में प्रगति का उल्लेख किया।
राष्ट्रपति शी ने कहा, मैं स्थानीय निरीक्षण के लिए गया, देखा कि हर किसी का जीवन रंगीन है। तियानशुई मवेशी सेब के फूल बड़े और लाल होते हैं, डोंगशान ऑस्ट्रेलिया कोक गांव मछली पकड़ने का पूरा डिब्बा। मैजीशान ग्रोटोज़ “ओरिएंटल स्माइल” हजारों सालों से, लियू ची लेन कॉमिटी परिवार की परंपरा पीढ़ी दर पीढ़ी। तियानजिन प्राचीन संस्कृति सड़क हलचल, यिनचुआन बहु-जातीय समुदाय के निवासियों एक परिवार के रूप में। मैं हमेशा रोजगार और आय वृद्धि, “बुजुर्ग और युवा,” शिक्षा और चिकित्सा देखभाल जैसे मुद्दों के बारे में चिंतित रहा हूं। पिछले एक साल में, मूल पेंशन में वृद्धि हुई है, बंधक ब्याज दरों को कम किया गया है, विभिन्न स्थानों में चिकित्सा उपचार की सुविधा के लिए प्रत्यक्ष निपटान का दायरा बढ़ाया गया है, और पुराने उपभोक्ता वस्तुओं के बदले नए लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। हर किसी की लाभ की भावना बहुत समृद्ध हुई है।
राष्ट्रपति आगे कहते हैं कि “हमने पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ का जश्न मनाया और गणतंत्र के उतार-चढ़ाव पर गहरी संवेदना के साथ नज़र डाली। चीनी सभ्यता के 5,000 से अधिक वर्षों से, “चीन” शब्द “हे ज़ुन” के नीचे उकेरा गया है, और हर चीनी बेटे और बेटी के दिल में उकेरा गया है। 20वीं सीपीसी केंद्रीय समिति का तीसरा पूर्ण अधिवेशन सफलतापूर्वक आयोजित किया गया और चौतरफा तरीके से सुधार को और गहरा करने का आह्वान किया गया। सुधार और खुलेपन की लहर पर सवार होकर, चीन का आधुनिकीकरण निश्चित रूप से सुधार और खुलेपन में व्यापक संभावनाओं को खोलेगा।
राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने वैश्विक स्तर पर चीन की भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि चीन शांति और सहयोग का पक्षधर रहेगा। उन्होंने नई ऊर्जा प्रौद्योगिकी, अंतरराष्ट्रीय व्यापार, और बेल्ट एंड रोड पहल के तहत परियोजनाओं की सफलता पर प्रकाश डाला। इसके साथ ही, उन्होंने 2025 में चीनी अर्थव्यवस्था को और अधिक सशक्त बनाने के लिए नागरिकों से मिलकर काम करने की अपील की। वहीं दूसरी तरफ़ भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी देशवासियों को नव वर्ष की बधाई दी और अपने संदेश में 2024 की उपलब्धियों पर चर्चा करते हुए भारत के नागरिकों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि भारत ने डिजिटल क्रांति, हरित ऊर्जा, और बुनियादी ढांचे के विकास में उल्लेखनीय प्रगति की है। उन्होंने ‘विकसित भारत’ के अपने दृष्टिकोण पर जोर दिया और 2025 के लिए आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत नई योजनाओं और कार्यक्रमों की घोषणा की। प्रधानमंत्री ने देश के युवाओं और महिलाओं को सशक्त बनाने और वैश्विक मंच पर भारत की स्थिति को मजबूत करने का संकल्प दोहराया।
चीन और भारत: विश्व विकास में योगदान
चीन और भारत, दुनिया की दो सबसे बड़ी आबादी वाले देश, न केवल अपनी-अपनी अर्थव्यवस्थाओं को मज़बूत कर रहे हैं बल्कि विश्व विकास को भी नई दिशा दे रहे हैं। दोनों देशों ने संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) को पूरा करने के लिए उल्लेखनीय कदम उठाए हैं।
चीन ने अपने सटीक नीति निर्माण और नवाचार के माध्यम से 80 करोड़ से अधिक लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है। वहीं भारत ने भी “प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना” और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के जरिए करोड़ों लोगों को सशक्त बनाया है। गरीबी उन्मूलन में इन दोनों देशों के प्रयास बाकी दुनिया के लिए प्रेरणा हैं।
चीन की “बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव” और भारत की “मेक इन इंडिया” जैसी परियोजनाएं वैश्विक विकास को गति प्रदान कर रही हैं। नई ऊर्जा वाहनों, डिजिटल अर्थव्यवस्था और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे क्षेत्रों में चीन और भारत का नेतृत्व उल्लेखनीय है।
दोनों देशों ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए ठोस कदम उठाए हैं। चीन का “कार्बन न्यूट्रल 2060” लक्ष्य और भारत का “2070 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन” का वादा पर्यावरण संरक्षण में उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
वैश्विक शांति स्थापना में भूमिका
भारत और चीन ने वैश्विक शांति और स्थिरता को बनाए रखने के लिए कूटनीतिक प्रयास किए हैं। ब्रिक्स, जी20, और शंघाई सहयोग संगठन (SCO) जैसे मंचों पर दोनों देशों ने एक साथ काम किया है। हालांकि, सीमा विवाद जैसी चुनौतियों के बावजूद, संवाद और कूटनीति के माध्यम से समाधान की दिशा में प्रयास जारी हैं।2025: सहयोग और समन्वय का नया अध्याय
प्रधानमंत्री मोदी का संदेश न केवल भारत के लिए बल्कि विश्व समुदाय के लिए भी एक प्रेरणा है। चीन और भारत को एक साथ मिलकर अपने मतभेदों को दूर करते हुए वैश्विक चुनौतियों का सामना करना चाहिए।
दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को और मज़बूत किया जा सकता है। साथ ही, सांस्कृतिक सहयोग से आपसी समझ को गहरा किया जा सकता है।
इंफ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा, और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में साझा परियोजनाएं विकासशील देशों के लिए भी लाभकारी होंगी।
राष्ट्रपति शी चिनफिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोनों ने अपने नववर्ष संदेशों में राष्ट्रीय उपलब्धियों को रेखांकित किया और जनता के प्रति आभार व्यक्त किया। शी चिनफिंग ने दीर्घकालिक स्थिरता, वैश्विक सहयोग और वैज्ञानिक नवाचार पर बल दिया। नरेंद्र मोदी ने समावेशी विकास, आत्मनिर्भरता, और युवा शक्ति को प्राथमिकता दी।
दोनों नेताओं के संदेश उनके देशों की प्राथमिकताओं और भविष्य की योजनाओं को दर्शाते हैं। चीन और भारत, दोनों ही, अपने नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने और वैश्विक मंच पर अपनी उपस्थिति मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। नए साल में इन प्रयासों के परिणाम न केवल उनके देशों के लिए, बल्कि पूरे विश्व के लिए महत्वपूर्ण होंगे।
(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग) (लेखक—देवेंद्र सिंह)