वर्तमान में कृषि न केवल जीविकोपार्जन का साधन बल्कि एक अच्छा व्यवसाय भी साबित हो रहा: शाम लाल शमा

जम्मू: शनिवार को संस्कृत पखवाड़ा के समापन समारोह के अवसर पर कृषि उत्पाद एवं किसान कल्याण विभाग, जम्मू एवं श्रीकैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान एक दिवसीय राष्ट्रीय सैमीनार का आयोजन किसान भवन तालाब तिल्लो जम्मू के सभागार में किया गया। इस दौरान कार्यक्रम के अध्यक्ष तथा कृषि उत्पाद एवं किसान कल्याण.

जम्मू: शनिवार को संस्कृत पखवाड़ा के समापन समारोह के अवसर पर कृषि उत्पाद एवं किसान कल्याण विभाग, जम्मू एवं श्रीकैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान एक दिवसीय राष्ट्रीय सैमीनार का आयोजन किसान भवन तालाब तिल्लो जम्मू के सभागार में किया गया। इस दौरान कार्यक्रम के अध्यक्ष तथा कृषि उत्पाद एवं किसान कल्याण विभाग जम्मू के निर्देशक केके शर्मा, कार्यक्रम के मुख्य अतिथि तथा पूर्व मंत्री एवं जम्मू कश्मीर भाजपा उपप्रधान शाम लाल शर्मा विशिष्ट अतिथि एवं जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन जम्मू के प्रधान तथा वरिष्ठ अधिवक्ता विक्रम शर्मा और मुख्य वक्ता गवर्नमैंट गर्ल्स हायर सैकेंडरी स्कूल रेहाड़ी जम्मू के प्राचार्य स्वर्ण पदक विजेता ज्योति प्रकाश शास्त्री विशेष रूप में उपस्थित रहे।

इस अवसर पर शाम लाल शर्मा ने कहा कि वर्तमान में कृषि कार्य न केवल जीवकोपार्जन का साधन है बल्कि एक अच्छा व्यवसाय भी साबित हो रहा है। प्रकृति किसानों का साथ दे तो इस कार्य से भी काफी धनोपार्जन किया जा सकता है। कई प्रकार के रोग एवं प्राकृतिक प्रकोप किसानों की आशाओं पर पानी फेर देते हैं। फसल देखते ही देखते सड़ जाती है। जहा क्विंटल अनाज की आशा थी वहां कुछ किलोग्राम अनाज से सन्तुष्ट होना पड़ता है। ऐसे में यदि खेतों में वैज्ञानिक विधियों के साथसाथ भारतीय वास्तुशास्त्र एवं ज्योतिष का समन्वय कर दें तो उन्हें काफी लाभ प्राप्त हो सकता है।

उन्होंने कहा कि श्री कैलख ज्योतिष एवं संस्थान ट्रस्ट देववाणी संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए अहम भूमिका निभा रहा है। इस अवसर पर विक्रम शर्मा ने कहा कि ग्रहों और राशियों का फसल की पैदावार पर सीधा असर होता है। हरे पदार्थों के स्वामी बुध, तो चना जैसी फसलों के स्वामी गुरु हैं। ग्रहों की चाल और स्थिति ही फसल के लिए आवश्यक बारिश का निर्धारण करती है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, मृगशिरा नक्षत्र में की जाने वाली बुवाई सबसे अच्छी साबित होती है यह एक ऐसा नक्षत्र है जिसमें यदि किसान अपनी फसलों की बुवाई करता है तो निश्चित ही उनकी जमीन सोना उगलती है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए महंत रोहित शास्त्री अहम भूमिका निभा रहे हैं। ज्योति प्रकाश शास्त्री ने कहा कि कहा कि जल, वायु, अग्नि पर प्रभाव चंद्रमा तकरीबन 27 से 29 दिनों में पृथ्वी का चक्कर लगाता है। इस दौरान वह सभी 12 राशियों से गुजरता है। एक राशि में वह 2.5 से 3.25 दिन तक रु कता है। ये राशियां भूमि, जल, वायु व अग्नि को सीधे तौर पर प्रभावित करती हैं, जिसका असर जड़, पत्ती, फूल व फल पर पड़ता है। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे कार्यक्र मों का आयोजन नियमित रूप से होते रहना चाहिए। एग्रीकल्चर डायरेक्टर के के शर्मा ने कहा कि ग्रहों की चाल का असर किसान ही नहीं उसकी फसल और पैदावार पर भी पड़ता है।

चंद्रमा के उत्तरायण और दक्षिणायण होने के साथसाथ फसल के लिए जरूरी बारिश, धूप और मौसम का रु ख भी ग्रहों और राशियों के प्रभाव पर निर्भर करता है। खेती-किसानी में ज्योतिष के इस असर को बखूबी समझने के चलते ही कृषि विभाग बायोडायनेमिक पंचांग पद्धति के प्रचार प्रसार पर जोर दे रहा है। इस अवसर पर ट्रस्ट के सदस्य प्रोफैसर शरत शर्मा ने बताया कि कुछ दिन पहले ट्रस्ट के प्रधान महंत रोहित शास्त्री के प्रतिनिधित्व में संस्कृत पखवाड़ा का शुभारंभ डीआईजी शक्ति पाठक (आईपीएस),डायरेक्टर स्कूल एजुकेशन जम्मू ने गवर्नमैंट हायर सैकेंडरी स्कूल मुट्ठी में संस्कृत सैमीनार किया था, उसके बाद जम्मू कश्मीर में अलग संस्कृत विश्वविद्यालय की मांग को लेकर ट्रस्ट ने अखनूर, पुरानी मंडी जम्मू, कटड़ा एवं अन्य जिलों में हस्ताक्षर अभियान चलाया।

प्रदेश के स्कूलों में अलगअलग जगह जाकर विद्यार्थियों को संस्कृत की शिक्षा दी। रघुनाथ मंदिर से परेड ग्राउंड जम्मू तक संस्कृत शोभा यात्रा निकाली। संस्कृत दिवस पर चूड़ामणि संस्कृत संस्थान के मुख्य न्यासी को सम्मानित किया। संस्कृत वाहन मोबाइल गुरु कुल ने ग्रामीण इलाकों में जाकर संस्कृत की शिक्षा दी। ट्रस्ट द्वारा प्रकाशित सरल संस्कृत बोध नामक पुस्तक का विमोचन जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा द्वारा किया गया। कई स्कूलों में पौधारोपण किया गया। तथा अन्य भी संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्र म हुए।

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