कश्मीर में मनाई गई गणेश चतुर्थी, आतंकवाद पनपने के बाद पहली बार झेलम में प्रतिमा विसर्जन

श्रीनगर: कश्मीर में मंगलवार को धूमधाम से गणेश चतुर्थी मनाई गई और भगवान की प्रतिमा को घाटी में आतंकवाद फैलने के बाद पहली बार यहां झेलम नदी में विर्सिजत किया गया। शहर के हब्बा कदल इलाके में स्थित गणपतियार मंदिर में सबसे बड़ा उत्सव और पूजा का आयोजन हुआ। कश्मीरी पंडित नेता संजय टिक्कू ने.

श्रीनगर: कश्मीर में मंगलवार को धूमधाम से गणेश चतुर्थी मनाई गई और भगवान की प्रतिमा को घाटी में आतंकवाद फैलने के बाद पहली बार यहां झेलम नदी में विर्सिजत किया गया। शहर के हब्बा कदल इलाके में स्थित गणपतियार मंदिर में सबसे बड़ा उत्सव और पूजा का आयोजन हुआ। कश्मीरी पंडित नेता संजय टिक्कू ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि भगवान गणेश के जन्मदिवस पर मंदिर में हवन के साथ विशेष पूजा-अर्चना की गई।

टिक्कू ने कहा,”आज कश्मीर में उस तरह से विनायक चतुर्थी मनाई गई जैसे की महाराष्ट्र और देश के अन्य हिस्सों में मनाई जाती है। इस दिन इस सिद्धिविनायक मंदिर में हम एक यज्ञ करते हैं जो लगभग 12-14 घंटे तक चलता है।’ स्थानीय समुदाय ने बताया कि भगवान गणेश की पर्यावरण-अनुकूल प्रतिमा को शाम के वक्त गणपतियार में झेलम नदी में विर्सिजत किया गया। घाटी में वर्ष 1989 में आतंकवाद फैलने के बाद पहली बार ऐसा किया गया। प्रतिमा को विर्सिजत करने के लिए धूमधाम से एक जुलूस निकाला गया।

- विज्ञापन -

Latest News