नयी दिल्ली: केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को दमन में गृह मंत्रालय की संसदीय परामर्शदात्री समिति की बैठक की अध्यक्षता की। गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा और श्री निशिथ प्रमाणिक, समिति के 11 सदस्य, केन्द्रीय गृह सचिव, गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, केंद्रशासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के मुख्य सचिव और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) और असम राइफल्स के महानिदेशकों ने बैठक में भाग लिया। समिति ने जम्मू-कश्मीर के विकास और केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सरकार जम्मू-कश्मीर के सर्वांगीण विकास के प्रति पूरी तरह कटिबद्ध है और सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर के विकास को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए गए हैं।
चर्चा के दौरान यह उल्लेख किया गया कि 06 अगस्त 2019, जम्मू-कश्मीर के लिए एक ऐतिहासिक दिन था जब भारतीय संसद ने संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का निर्णय लिया। इसके साथ, हमारे देश के नागरिकों को प्राप्त सभी संवैधानिक प्रावधानों को जम्मू और कश्मीर के लिए भी उपलब्ध कराया गया, जिनमें शिक्षा का अधिकार, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम जैसे प्रगतिशील कानून शामिल थे। ये कानून केंद्रशासित प्रदेश में पूरी तरह से लागू किए गए हैं। इन कानूनों के लागू होने से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति, महिलाओं, बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों सहित सभी को समानता और निष्पक्षता की गारंटी मिली है। नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है।