शोपियां में ‘फर्जी’ मुठभेड़ के पीड़ितों के परिवार के सदस्यों को सरकारी नौकरी दी गई

जम्मू: जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने 2020 में कश्मीर के शोपियां जिले में सेना के एक कैप्टन द्वारा अंजाम दिए गए ‘फर्जी’ मुठभेड़ में जान गंवाने वाले तीन लोगों के परिवार के सदस्यों को मंगलवार को सरकारी नौकरी के लिए नियुक्ति पत्र सौंपे। तीनों को 18 जुलाई 2020 को शोपियां के सुदूर पहाड़ी गांव अमशीपुरा में कैप्टन.

जम्मू: जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने 2020 में कश्मीर के शोपियां जिले में सेना के एक कैप्टन द्वारा अंजाम दिए गए ‘फर्जी’ मुठभेड़ में जान गंवाने वाले तीन लोगों के परिवार के सदस्यों को मंगलवार को सरकारी नौकरी के लिए नियुक्ति पत्र सौंपे। तीनों को 18 जुलाई 2020 को शोपियां के सुदूर पहाड़ी गांव अमशीपुरा में कैप्टन भूपेन्द्र सिंह द्वारा मार गिराया गया था और जिसके बाद उन्हें ‘आतंकवादी’ करार दिया था।

एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि नियुक्ति पत्र उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने यहां एक समारोह में मोहम्मद अबरार (कोटरंका में तरकस्सी के निवासी) की पत्नी शरीन अख्तर को, मोहम्मद इम्तियाज के भाई मोहम्मद आरिफ (कोटरंका में धार सकरी के निवासी) और कोटरंका के निवासी मोहम्मद अबरार के भाई फरायाज अहमद को सौंपे गए।

उन्होंने बताया कि अनुकंपा के आधार पर इन्हें नियुक्ति दी गई है। इस समारोह में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) मुकेश सिंह और जम्मू के मंडलायुक्त रमेश कुमार भी उपस्थित रहे। हत्याओं पर संदेह होने के बाद सेना ने कोर्ट ऑफ एन्क्वायरी का गठन किया था। जांच और साक्ष्य में पाया गया कि सैनिकों ने सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (एएफएसपीए) के तहत निहित शक्तियों का ‘दुरुपयोग’ किया था।

इस साल की शुरुआत में हुई सिंह के खिलाफ हुई सामान्य कोर्ट-मार्शल कार्यवाही में उन्हें आजीवन कारावास देने की सिफारिश की गई थी। अधिकारियों ने बताया कि उम्रकैद की सजा उच्च सैन्य अधिकारियों की पुष्टि पर निर्भर है। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने भी एक विशेष जांच दल का गठन किया था। दल ने सिंह सहित तीन लोगों के खिलाफ ‘फर्जी मुठभेड़’ को अंजाम देने का आरोपपत्र दायर किया था।

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