जम्मू कश्मीर की अपराध शाखा ने जमीन धोखाधड़ी मामले में आरोपपत्र दाखिल किया

जम्मू: जम्मू कश्मीर पुलिस की अपराध शाखा ने सांबा जिले में 2.5 कैनाल जमीन की बिक्री के सौदे का लालच देकर एक व्यक्ति से 43 लाख रुपये ठगने के आरोपी तीन भाइयों के खिलाफ शनिवार को आरोपपत्र दाखिल किया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अपराध शाखा (जम्मू) के प्रवक्ता ने बताया कि अपराध शाखा.

जम्मू: जम्मू कश्मीर पुलिस की अपराध शाखा ने सांबा जिले में 2.5 कैनाल जमीन की बिक्री के सौदे का लालच देकर एक व्यक्ति से 43 लाख रुपये ठगने के आरोपी तीन भाइयों के खिलाफ शनिवार को आरोपपत्र दाखिल किया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अपराध शाखा (जम्मू) के प्रवक्ता ने बताया कि अपराध शाखा की आíथक अपराध इकाई ने जम्मू के गांधीनगर के मनमोहन सिंह को ठगने को लेकर नारायण सिंह सूरम सिंह और चैन सिंह के खिलाफ अदालत में 253 पन्नों का आरोपपत्र दाखिल किया।

अधिकारी ने बताया कि मनमोहन सिंह ने आरोप लगाया कि आरोपियों ने बीरपुर में 51 मारला (ढाई कैनाल) जमीन के अधिग्रहण का बहाना बनाया और अपना यह भूखंड बेचने की पेशकश करते हुए उनसे संपर्क किया। पुलिस के अनुसार तीनों ने कथित रूप से मनमोहन सिंह से कहा कि यदि उन्होंने हर भाई को 17-17 लाख रुपये दे दिये तो वह अधिग्रहण की कार्यवाही के दौरान मुआवजा राशि प्राप्त करने के लिए अधिकृत हो जायेंगे।अधिकारी के मुताबिक तीनों भाइयों ने मनमोहन सिंह के सामने दावा किया कि वह जमीन खरीदने के लिए उन्हें जितने पैसे का भुगतान करेंगे , जमीन अधिग्रहण के लिए दी जाने वाली मुआवजा राशि उससे अधिक होगी।

प्रवक्ता के मुताबिक दिसंबर, 2021 में तीनों आरोपियों ने ‘विशेष पावर ऑफ अटॉर्नी’ की। उनके अनुसार शिकायतकर्ता के पक्ष में बिक्री का बैनामा भी किया गया जिसमें ‘भारी भरकम’ राशि मिलने और उनके (भूस्वामित्व) अधिकार के हस्तांतरण को स्वीकार किया गया है।प्रवक्ता ने बताया कि शिकायतकर्ता को ठगने की आरोपियों की साजिश तब बेनकाब हुई जब उन्होंने इस लिखित संदेश के साथ जिलाधिकारी से भू अधिग्रहण के लिए संपर्क किया कि उन्होंने शिकायतकर्ता को दिये गये ‘स्पेशल पावर ऑफ अटॉर्नी’ को रद्द कर दिया । उन्होंने यह भी मांग की कि जिलाधिकारी उनके खाते में भुगतान करें।प्रवक्ता ने बताया कि उसके बाद शिकायत दर्ज की गयी एवं प्राथमिक जांच शुरू की गयी । उनके मुताबिक जांच के दौरान पाया गया कि आरोप बेबुनियाद नहीं हैं , जिसके बाद गहराई से जांच के लिए औपचारिक मामला दर्ज किया गया।

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