श्रीनगरः नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने बृहस्पतिवार को जम्मू-कश्मीर में खूनखराबा समाप्त करने के लिए पड़ोसी देश के साथ वार्ता की वकालत की तो वहीं भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा कि पाकिस्तान के साथ बातचीत की वकालत करने वाले लोगों को अब सलाखों के पीछे डालने का समय आ गया है। अब्दुल्ला ने कहा कि यदि भारत और पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में खूनखराबा समाप्त करना चाहते हैं और शांति का स्थायी माहौल चाहते हैं तो उन्हें वार्ता करनी होगी।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने कहा कि युद्धों से न तो पहले मुद्दों का समाधान होता था और न ही भविष्य में इनसे शांति का माहौल बन पाएगा। अनंतनाग में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक उपाधीक्षक हुमायूं भट के परिवार से मुलाकात करने के बाद अब्दुल्ला ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘यदि बातचीत नहीं होगी तो ऐसी घटनाएं जारी रहेंगी। हम मूर्ख हैं यदि हम ऐसा सोचते हैं कि यह रुक जाएगी। हम जान गंवाते रहेंगे..वार्ता के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है। दोनों देशों को अपनी जिद छोड़कर बातचीत करनी चाहिए।’’
जम्मू कश्मीर में अनंतनाग जिले के कोकेरनाग क्षेत्र में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में बुधवार को भट और दो अन्य सुरक्षा अधिकारी कर्नल मनप्रीत सिंह और मेजर आशीष धोनैक शहीद हो गए थे। वहीं भाजपा नेता अल्ताफ ठाकुर ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पर पाकिस्तान के साथ बातचीत की वकालत करने वाले लोगों को सलाखों के पीछे डालने का समय आ गया है। ठाकुर ने कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धोनैक और उपाधीक्षक हुमायूं भट को श्रद्धांजलि देने के बाद कहा, ‘‘मुझे लगता है कि अब उन लोगों को भी जेल में डालने का समय आ गया है जो पाकिस्तान के साथ वार्ता करने की वकालत करते हैं। ये वही लोग हैं जो यहां पाकिस्तान के मुद्दे को आगे बढ़ाते हैं और उसका समर्थन करते हैं।’’ ठाकुर ने कहा कि भारत ने कई बार पाकिस्तान के साथ बातचीत की है लेकिन पड़ोसी देश ने हमेशा धोखा दिया है।
उन्होंने कहा, कि हमने 1947 के बाद से कई बार पाकिस्तान के साथ बातचीत की है। (अटल बिहारी) वाजपेयी बस से लाहौर गए थे लेकिन पाकिस्तान एक ऐसा देश है जो अपनी शरारतपूर्ण हरकतों को कभी नहीं छोड़ेगा। आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं चल सकती।’’ पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को वापस लेने के बारे में भाजपा के कुछ नेताओं की टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर, अब्दुल्ला ने कहा कि युद्धों से न तो अतीत में मुद्दों का समाधान हुआ है और न ही भविष्य में शांति का माहौल बन पायेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें ऐसा करने दो। उन्हें कौन रोक रहा है? यदि उन्हें लगता है कि इससे समस्या समाप्त हो जाएगी, तो उन्हें ऐसा करना चाहिए। मैं स्पष्ट कर दूं कि कोई भी मुद्दा टकराव से हल नहीं हो सकता। पाकिस्तान ने चार युद्ध लड़े हैं और सीमाओं की स्थिति अभी भी वैसी ही बनी हुई है।’’ अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद खत्म होने का दावा करने के लिए भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा, ‘‘जिन्हें समझना है वे समझ जायेंगे। एक खतरा बना हुआ है। हमें हर दिन इसका सामना करना पड़ता है। हमारे लोग मर रहे हैं, हमारे जवान मर रहे हैं।’