हमारे पास ऐसी प्रणाली है जो सौ किलोमीटर के दायरे में मौजूद हथियारों को निशाना बना सकती हैं: जम्मू में सीडीएस

जम्मू: प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने इस बात पर जोर दिया कि देश के पास ऐसी प्रणालियां मौजूद हैं जो सौ किलोमीटर के दायरे तक मौजूद हथियारों को निशाना बना सकती हैं। चौहान ने कहा इन्हें लक्ष्य अभ्यास के लिए नहीं खरीदा गया है बल्कि इन्हें ‘‘अभियान के दौरान‘‘ इस्तेमाल किया जाएगा।.

जम्मू: प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने इस बात पर जोर दिया कि देश के पास ऐसी प्रणालियां मौजूद हैं जो सौ किलोमीटर के दायरे तक मौजूद हथियारों को निशाना बना सकती हैं। चौहान ने कहा इन्हें लक्ष्य अभ्यास के लिए नहीं खरीदा गया है बल्कि इन्हें ‘‘अभियान के दौरान‘‘ इस्तेमाल किया जाएगा। सीडीएस ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं चाहता हूं कि आप इस प्रदर्शनी को और करीब से देखें।

आपको यहां ऐसी प्रणालियां मिलेंगी जो सौ किलोमीटर के दायरे में मौजूद गोला-बारूद को निशाना बना सकती हैं। अगर आप उनसे पूछें, तो लोगों ने इसे खरीदा है। लोगों ने इसे लक्ष्य अभ्यास के लिए नहीं खरीदा है बल्कि उन्हें अभियान के दौरान उपयोग किया जाना है। इसमें से कुछ एक विशेष समय पर हमारे भंडार का हिस्सा होंगी।’’ सीडीएस ने सोमवार को यहां शुरू हुए ‘नॉर्थ टेक सिम्पोजियम’ में स्वदेशी रूप से निर्मित रक्षा प्रणालियों का प्रदर्शन करने के लिए लगाए गए स्टाल का दौरा किया।

एक पत्रकार द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या भारत अपने दुश्मनों को निशाना बनाने के लिए अमेरिका की तरह ड्रोन का उपयोग कर सकता है, सीडीएस ने नयी दिल्ली में जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन के आसपास हालिया सुरक्षा व्यवस्था का उल्लेख किया और कहा कि थलसेना, वायु सेना और नौसेना ने सम्मेलन परिसर के आस-पास और हवाई-अड्डे पर बड़ी संख्या में ड्रोन रोधी प्रणालियां लगाई थीं।

सीडीएस ने कहा कि सशस्त्र बल ड्रोन समस्या से अवगत है और उसने आवश्यकता के अनुसार पर्याप्त मात्रा में ये उपकरण खरीदे हैं। जनरल चौहान ने कहा कि भारत दुनिया के प्रमुख रक्षा उत्पादकों में से एक बनकर उभरेगा क्योंकि देश ‘‘आत्मनिर्भरता’’ की राह पर आगे बढ़ रहा है, जिसका आह्वान कुछ साल पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था।

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