नई दिल्ली : कांग्रेस ने सोमवार को दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में निवेश का माहौल सुस्त है तथा भारतीय कंपनियां देश के बजाय विदेश में पैसे लगाना पसंद कर रही हैं। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि यह कॉर्पोरेट जगत का मोदी सरकार के खिलाफ ‘‘अविश्वास प्रस्ताव’’ है। उन्होंने यह भी कहा कि अगले महीने पेश होने वाले केंद्रीय बजट में मुख्य चिंता इस बात की होनी चाहिए कि घरेलू निवेश को कैसे प्रोत्साहित किया जाए और कैसे कायम रखा जाए।
कर विभाग कारोबारी प्रतिष्ठानों को डरा-धमका रहे
रमेश ने एक्स पर पोस्ट किया, ‘‘मोदी दशक में भारत में निवेश का वातावरण सुस्त रहा है। डॉ. मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान सकल स्थिर पूंजी निर्माण जीडीपी के 32 प्रतिशत के औसत से गिरकर पिछले दस वर्षों में लगातार जीडीपी के 29 प्रतिशत से नीचे रहा है।’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘निवेश इसलिए सुस्त है क्योंकि खपत में व्यापक तेज़ी नहीं आ रही है और कर विभाग एवं अन्य प्राधिकरण कारोबारी प्रतिष्ठानों को डरा-धमका रहे हैं। इसके पीछे एक कारण इस धारणा का पुष्ट होना भी है कि मोदी सरकार में केवल 4-5 कारोबारी समूह ही विकास कर सकते हैं।’’
भारतीय कंपनियां विदेश में निवेश करना पसंद कर रही
रमेश ने कहा, ‘‘अब भारत में निवेश करने के लिए निजी क्षेत्र की अनिच्छा का एक ताज़ा सबूत सामने आया है कि पिछले साल अप्रैल-अक्टूबर में शुद्ध विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) गिर कर 12 साल के निचले स्तर पर पहुंच गया, सकल एफडीआई का आना स्थिर हो गया है ।’’ उन्होंने दावा किया कि भारतीय कंपनियां देश के बजाय विदेश में निवेश करना अधिक पसंद कर रही हैं। कांग्रेस नेता ने यह भी कहा, ‘‘यह मोदी सरकार के ख़लिाफ़ कॉर्पोरेट का अविश्वास प्रस्ताव है।’’ रमेश ने कहा, ‘‘आज से 26 दिन बाद पेश होने वाले केंद्रीय बजट में घरेलू निवेश को कैसे प्रोत्साहित किया जाए और कैसे कायम रखा जाए, यह मुख्य चिंता का विषय होना चाहिए।’’