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कैंसर से होने वाली 20 फीसदी मौत के लिए खराब खान-पान जिम्मेदार : विशेषज्ञ

नई दिल्ली : कैंसर एक जानलेवा बीमारी का नाम है। खौफनाक मर्ज को लेकर कई रिसर्च चल रही है। इस बीमारी के 200 से भी ज्यादा प्रकार हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि बदलते समय में जीवनशैली को थोड़ा सा संयमित करने से इस मर्ज से बचा जा सकता है। यूनियन फॉर इंटरनेशनल कैंसर कंट्रोल हर.

नई दिल्ली : कैंसर एक जानलेवा बीमारी का नाम है। खौफनाक मर्ज को लेकर कई रिसर्च चल रही है। इस बीमारी के 200 से भी ज्यादा प्रकार हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि बदलते समय में जीवनशैली को थोड़ा सा संयमित करने से इस मर्ज से बचा जा सकता है।

यूनियन फॉर इंटरनेशनल कैंसर कंट्रोल हर साल एक थीम तय करता है। 2025 का थीम है ‘यूनाइटेड बाय यूनीक‘ यानि अपने अनोखेपन से हम एक-दूजे से जुड़े हैं। कैंसर के कारण कई होते हैं, इस पर रिसर्च चल रही है। विशेषज्ञों की मानें तो एक प्रमुख कारण अनियमित दिनचर्या भी है।

दिल्ली स्थित सीके बिड़ला अस्पताल (आर) के ऑन्कोलॉजी सर्वसिेज, जीआई ऑन्कोलॉजी निदेशक डॉ नीरज गोयल, आंकड़ों को सामने रखकर कहते हैं कि जीवनशैली को संयमित रखकर कैंसर को दूर भगाया जा सकता है। 50 फीसदी मामलों में देखा गया है कि जीवनशैली अगर संयमित नहीं होती है तो आप कैंसर की चपेट में आते हैं। इसके अलावा कैंसर से होने वाली 18 फीसदी मौत का कारण शारीरिक तौर पर सक्रिय न रहना होता है। वहीं, कैंसर से होने वाली 20 फीसदी मौत का कारण पुअर डाइट यानि खराब खान-पान होता है।

तो कहने का मतलब यही है कि अगर कैंसर से खुद को बचाना है या फिर इसके रिस्क को कम करना है तो लाइफस्टाइल पर ध्यान देना जरूरी है।

कैंसर विश्व स्तर पर मृत्यु का दूसरा प्रमुख कारण है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक 2018 में 9.6 मिलियन (90 लाख) मौतों या 6 में से 1 मौत के लिए जिम्मेदार है। हाल ही में आई एक रिपोर्ट के अनुसार, कैंसर के मामलों में 77 प्रतिशत बढ़ोतरी की संभावना जताई गई है। फेफड़े, प्रोस्टेट, कोलोरेक्टल, पेट और यकृत कैंसर पुरुषों में सबसे आम प्रकार के कैंसर हैं, जबकि स्तन, कोलोरेक्टल, फेफड़े, गर्भाशय ग्रीवा और थायरॉयड कैंसर महिलाओं में सबसे आम हैं।

महिलाओं में, ब्रेस्ट कैंसर के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। डॉ के मुताबिक नियमित व्यायाम, शराब और धूम्रपान का सेवन कम कर इससे बचा जा सकता है।

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