Body Mass Index : एक शोध में यह बात सामने आई है कि मेटाबोलिक और बैरिएट्रिक सजर्री 70 से अधिक बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले रोगियों के लिए सुरक्षित है।
जब खाने-पीने और वर्कआउट के बाद भी व्यक्ति का वजन कम नहीं हो पाता तो उसका वजन घटाने के लिए यह सजर्री की जाती है। यह सजर्री मुख्य रूप से 35 या उससे अधिक बीएमआई वाले लोगों में की जाती है। वजन के कारण गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित लोगों को यह सजर्री करवाने की जरूरत पड़ती है।
बेरियाट्रिक सजर्री कराने वालों के लिए वैसे तो बीएमआई की कोई वैल्यू निर्धारित नहीं की गई है। मगर ऐसा माना जाता है कि अगर मरीज का बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) अधिक है तो उसे सजर्री के बाद कई तरह की परेशानियां आ सकती है।
अमेरिका में पेनिंग्टन बायोमेडिकल रिसर्च सेंटर की एक टीम के नेतृत्व में किए गए शोध में अत्यधिक मोटापे से ग्रस्त 84 रोगियों के डेटा का वेिषण किया गया, जिन्होंने मेटाबोलिक या बैरिएट्रिक सजर्री करवाई थी।
ओबेसिटी सजर्री पत्रिका में प्रकाशित निष्कर्षों से पता चला है कि सजर्री-आधारित मोटापे के उपचार से ऑपरेशन के 30 दिन बाद जटिलताओं की दर कम हुई।
पेनिंगटन बायोमेडिकल में पोस्टडॉक्टरल शोधकर्ता और सजर्किल रिसर्च फेलो डॉ. फ्लोरिना कॉर्पोडियन ने कहा, ’मोटापे से पीड़ित लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है और उन्हें एक खास तरह की देखभाल की आवश्यकता है। यह लोग अपने बढ़े हुए बीएमआई के कारण उच्च जोखिम वाले माने जा सकते हैं, मोटापे से पीड़ित इस तरह के लोगों के लिए यह सजर्री मुख्य रूप से सुरक्षित है।’
तेजी से बढ़ते मोटापे की दर में वृद्धि के साथ डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी अब 70 से अधिक बीएमआई वाले लोगों के इलाज में लगे है। यह सजर्री वजन कम करने के साथ मोटापे से जुड़ी मेटाबोलिक समस्याओं का इलाज करने में भी मदद करती है।
शोधकर्ताओं ने दिखाया कि गंभीर रूप से मोटे रोगियों ने बैरिएट्रिक सजर्री के बाद वजन कम किया। इसमें महत्वपूर्ण बात यह है कि सजर्री के एक साल बाद तक भी मरीजों को कोई परेशानी नहीं आई।