बड़ो के मुकाबले बच्चे जल्दी बिमार पड़ जाते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है जिसकी वजह से बच्चे जल्दी बीमार पड़ते हैं। जल्दी जल्दी बीमार पड़ने की वजह उनका गलत खान-पान होता है। ऐसे में बच्चों की बॉडी में जरूरी पोषक तत्वों की कमी हो जाती है, जिसका सीधा प्रभाव शरीर की इम्यूनिटी पर पड़ता है। ऐसे में अगर आप चाहते हैं के आपके बच्चे की इम्यूनिटी बढ़े तो हम आपको कुछ खास तरीको के बारे में बताएंगे –
बच्चों में इम्युनिटी कम होने के कारण-
• समय से पहले जन्मे बच्चों में अक्सर रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। ऐसे बच्चों के शरीर में फौरन संक्रमण हमला कर देता है।
• कुपोषण या शरीर में पोषण की कमी रोग प्रतिरोधक क्षमता के कमजोर होने का मुख्य कारण है।
• बच्चों में जंक फूड्स की अधिकता इम्यूनिटी को कमजोर करने का काम कर सकती है।
• बच्चों में जरूरी टीकाकरण का न करवाना।
• किसी वजह से मां का दूध बच्चे को न मिल पाना। दरअसल, बच्चे के जन्म के बाद मां का दूध बच्चे को संक्रमण से बचाने और उसकी इम्यूनिटी को बूस्ट करने का काम करता है।
• कमजोर प्रतिरक्षा बच्चे को माता-पिता से भी मिल सकती है ।
इम्युनिटी बढ़ाने के उपाय-
माँ का दूध: बच्चे में इम्युनिटी को बढ़ाने का पहला आधार माँ का दूध है। इसलिए बच्चे को मां के दूध से वंचित न रखें, क्योंकि मां का दूध बच्चे को संक्रमण से बचाने और उसकी इम्यूनिटी को बूस्ट करने का काम करता है। किसी कारणवश अगर कोई महिला स्तनपान कराने में असक्षम है, तो डॉक्टर से इस विषय में जरूर बात करें।
पोषक तत्व: शरीर में पोषक तत्वों की कमी बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता के कमजोर होने का सबसे बड़ा कारण है। इसलिए, अपने बच्चे को पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य-पदार्थों का सेवन कराएं। चाहें, तो इस विषय में डॉक्टरी सलाह ले सकते हैं। टीकाकरण का नही भूलेंबच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता को ठीक करने के लिएबच्चे का जरूरी टीकाकरण करवाएं।
नींद: यह जरूर सुनिश्चित करें कि बच्चा पर्याप्त नींद ले रहा है कि नहीं, क्योंकि इसके अभाव में बच्चे की इम्यूनिटी प्रभावित हो सकती है। वहीं, अच्छी नींद संक्रमण के जोखिम को कम करने में मदद कर सकती है।
शहद को शामिल: डॉक्टरी परामर्श पर बच्चों के आहार में शहद को शामिल किया जा सकता है। दरअसल, इससे जुड़े एक शोध में शहद के इम्यूनोमॉड्यूलेटरी प्रभाव के बारे में पता चलता है, यानी यह रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार का काम कर सकता है।