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असम में वयस्कों में HIV दर राष्ट्रीय औसत से कम

गुवाहाटी : असम में वयस्कों में एचआईवी की दर राष्ट्रीय औसत से कम है। यह जानकारी एक आधिकारिक बयान में दी गई। विश्व एड्स दिवस के अवसर पर रविवार को जारी एक बयान में कहा गया कि 2024-25 के दौरान राज्य में एचआईवी फैलने का अब तक सबसे बड़ा कारण संक्रमित इंजेक्शन का इस्तेमाल रहा.

गुवाहाटी : असम में वयस्कों में एचआईवी की दर राष्ट्रीय औसत से कम है। यह जानकारी एक आधिकारिक बयान में दी गई।
विश्व एड्स दिवस के अवसर पर रविवार को जारी एक बयान में कहा गया कि 2024-25 के दौरान राज्य में एचआईवी फैलने का अब तक सबसे बड़ा कारण संक्रमित इंजेक्शन का इस्तेमाल रहा और इसके बाद असुरक्षित यौन संबंध बड़ा कारण हैं।
मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने एड्स मुक्त भविष्य के लिए प्रयास करने और पीड़ित लोगों को सहायता प्रदान करने के सामूहिक प्रयास की अपील की।

एड्स मुक्त भविष्य के लिए प्रयास करने की अपनी सामूहिक जिम्मेदारी को दोहराते
उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘विश्व एड्स दिवस पर हम एचआईवी से पीड़ित लोगों का समर्थन करने, इससे लड़ने और एड्स मुक्त भविष्य के लिए प्रयास करने की अपनी सामूहिक जिम्मेदारी को दोहराते हैं। आइए, लोगों को शिक्षित करें, एक ऐसी दुनिया के लिए लड़ें जहां एड्स का नामोनिशान न हो तथा प्रभावित लोगों को सवरेत्तम देखभाल मिले।’’ असम राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी (एएसएसीएस) के एक बयान में कहा गया है कि भारत की एचआईवी अनुमानित रिपोर्ट 2023 के अनुसार, राज्य में वयस्कों में एचआईवी प्रसार दर 0.13 प्रतिशत है जो राष्ट्रीय प्रसार दर 0.20 प्रतिशत से कम है।

जांच में 3,947 लोगों में एचआईवी की हुई पुष्टि
रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में एचआईवी से पीड़ित लोगों की अनुमानित संख्या 32,031 है।
बयान में कहा गया है कि हालांकि एचआईवी दर कम है, लेकिन राज्य में नए एचआईवी संक्रमण बढ़ रहे हैं।
राज्य में 2023 में नए एचआईवी संक्रमितों की संख्या 2021 थी जो 2010 की तुलना में 22 प्रतिशत अधिक है।
असम सहित चार पूवरेत्तर राज्यों में नए एचआईवी संक्रमितों के मिलने की दर में काफी वृद्धि हो रही है। त्रिपुरा में यह सबसे अधिक 524.41 प्रतिशत है, इसके बाद अरुणाचल प्रदेश में 469.84 प्रतिशत, मेघालय में 124.70 प्रतिशत और असम में 22.11 प्रतिशत है।
बयान में कहा गया कि वित्त वर्ष 2024-25 (अप्रैल-अक्टूबर 2024) के दौरान एकीकृत परामर्श और परीक्षण केंद्रों (आईसीटीसी) में 4,37,830 लोगों की जांच की गई जिनमें से 3,947 लोगों में एचआईवी की पुष्टि हुई।

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