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अगर आपके भी रहता है सिर में दर्द तो जान लें इसके पीछे का कारण

प्रकृति हमारी सहायता के लिए सिरदर्द ला देती है। हमें यह चेतावनी है कि हम खान-पान तथा जीवन शैली को सुधारें। तन तथा मन दोनों विश्राम मांगते हैं। उन्हें कुछ आराम दें। अपने शरीर के साथ जो गलत व्यवहार कर रहे हैं, उसे भी सुधारें। क्यों होता है सिरदर्द : सिरदर्द होने के अनेक कारण हैं- जैसे हमारे भोजन में वायु बनाने वाले पदार्थो की अधिकता, अधिक कब्ज बने रहना, किसी प्रकार का संक्रमण या एलर्जी होना, उच्च रक्तचाप रहना, जुकाम, सर्दी बने रहना, अधिक शराब, धूम्रपान व नशीले पदार्थो का सेवन, चिन्ता, भय, तनावग्रस्त रहना शरीर के कुछ अंगों में दर्द रहना, एक ही प्रकार की जीवन शैली, एक ही प्रकार का काम लगातार करना, आंखों की ज्योति घटती जाना, विषाक्त भोजन का सेवन, भूख में भी भोजन न खाना, मधुमेह रोग का होना आदि।

इन में से कोई एक या एक साथ एक से अधिक कारण सिरदर्द पैदा कर सकते है। उपचार : सब से बढ़िया उपचार तो है कि कारणों को जानें और उन्हें हटा दें। जब कारण नहीं रहेगा तो सिरदर्द भी हट जाएगा। मेंहदी के फूल : यदि सिरदर्द का कारण धूप में निकलना है, धूप में काम करना है, गर्मी लग जाना है तो मेंहदी के फूल लें। उन्हें पीसें और पीस कर रोगी के माथे पर लेप करें। इससे उसे जल्दी आराम मिलेगा। सेब व नमक : नमक के साथ सेब का खाना भी सिरदर्द हटा देता है। उसे प्रात: खाली पेट खाएं। इस साधारण से उपचार से शरीर को पौष्टिकता तो मिलेगी ही, साथ में हर प्रकार का सिरदर्द गायब हो जाएगा। नींबू का रस व सेंधा नमक : एक छोटा गिलास पानी लें।

इस में थोड़ा सेंधा नमक घोलें। नींबू को निचोड़ कर रोगी को पिलाएं। दिन में तीन खुराक ऐसी ही देने से पूरा आराम महसूस करेंगे। नींबू के छिलके : नींबू के छिलकों को पीस कर, माथे पर लेप करने से भी सिरदर्द दूर हो जाता है। गाय का घी : गाय का घी पिघला कर रोगी के नाक के नथुनों में डालें। इस से भी सिरदर्द दूर हो जाएगा। दिन में दो बार डालें। सरसों का तेल : आप नाक के नथुनों में सरसों के तेल की बूदें भी डाल सकते हैं। यह भी दिन में दो बार डालें। ये उपचार आ.जमाए हुए हैं। इन में से एक या दो जो आप को ठीक लगें, अपना कर सिरदर्द को ठीक कर सकते हैं। ऐलोपैथी की दवा लेनी ही नहीं पड़ेगी।

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