इस तरह बनाए रखें अपने रिश्तों में मिठास

वक्त के थपेड़ों के साथ अनुभव की सिलवटें जब चेहरे पर साफ झलकने लगती हैं तब बीते लम्हें यादों के कारवां में चले आते हैं और हमें एहसास दिलाते हैं कि हमने क्या खोया, क्या पाया? उस वक्त हमें खुद से नजरें न चुरानी पड़ें, इसके लिए बेहद जरूरी है कि हम सही वक्त पर.

वक्त के थपेड़ों के साथ अनुभव की सिलवटें जब चेहरे पर साफ झलकने लगती हैं तब बीते लम्हें यादों के कारवां में चले आते हैं और हमें एहसास दिलाते हैं कि हमने क्या खोया, क्या पाया? उस वक्त हमें खुद से नजरें न चुरानी पड़ें, इसके लिए बेहद जरूरी है कि हम सही वक्त पर सही तरीके से अपने रिश्तों की सर्विसिंग करते रहें ताकि हम अपने रिश्तों को ताउम्र सहेजकर रख सकें।

क्यों जरूरी है सर्विसिंग?
हर रिश्ता, चाहे बच्चों और पेरैंट्स के बीच का हो, भाई-बहन का हो, पति-पत्नी या फिर अन्य दोस्त व रिश्तेदार का हो, सभी हमसे समय और अटैंशन की डिमांड करते हैं जो आज की तारीख में हमारे पास है ही नहीं। वक्त की कमी के चलते हम अपने रिश्तों को पूरी तरह से जी नहीं पाते। छोटी-छोटी खुशियों से भी हम महरूम रह जाते हैं और साथ ही अपने साथ जुड़े लोगों को भी उनसे दूर रखते हैं। ऐसे में रिश्तों में शिकायतें पैदा होनी शुरू हो जाती है। हर वक्त अगर हम यही रोना रोते रहेंगे कि समय नहीं मिलता तो एक दिन हमारे रिश्तों के पास हमारे लिए समय नहीं होगा।

चाहे हम कितने ही कामयाब हो जाएं या कितना ही ऊंचा मुकाम हासिल कर लें, अपनों के साथ की जरूरत हमेशा बनी रहती है वर्ना जीवन में एकाकीपन हमें निराशा की गर्त में धकेल सकता है। यदि समय रहते रिश्तों को सहेजने की ओर हम ध्यान नहीं देंगे तो जब उन रिश्तों की जरूरत होगी तो शायद हमारे आस- पास कोई नहीं होगा। आपसी मेलजोल और एक साथ समय बिताने से न सिर्फ रिश्ते मजबूत होते हैं बल्कि हमारा हौसला और आत्मविश्वास भी बना रहता है। हम अपने अंदर सकारात्मकता का अनुभव करते हैं।आपको अपनों की परवाह है, उनकी जरूरत है, उन्हें इस बात का एहसास कराने के लिए भी रिश्तों की सर्विसिंग जरूरी है।

कैसे करें रिश्तों की सर्विसिंग?
कम्युनिकेशन हर रिश्ते की नींव होती है। बहुत जरूरी है कि आपसी बातचीत और अपनों के साथ कुछ बातें शेयर करने का वक्त जरूर निकाला जाए।

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