अब प्रेगनेंसी के दौरान भी निखरेगी आपकी त्वचा, जानें कैसे

प्रेगनेंसी हर महिला के लिए बेहद खास होती है और इस में महिला को सेहत का बेहद अच्छे से ख्याल रखने को कहा जाता है। महिलाओं को अपनी सेहत और खानपान से जुड़ी कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं। बल्कि सिर्फ यही नहीं त्वचा से जुडी भी बहुत सी दिक्क्तों का सामना.

प्रेगनेंसी हर महिला के लिए बेहद खास होती है और इस में महिला को सेहत का बेहद अच्छे से ख्याल रखने को कहा जाता है। महिलाओं को अपनी सेहत और खानपान से जुड़ी कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं। बल्कि सिर्फ यही नहीं त्वचा से जुडी भी बहुत सी दिक्क्तों का सामना करने की जरूरत होती है। इस समय में महिलाओं की त्वचा में ढीलापन, दाग-धब्बे स्ट्रेच मार्क्स जैसी कई परेशानी आती हैं। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे के प्रेग्नेंसी के दौरान आप इन परेशानियों से किस तरह बच सकते हैं।

कील-मुहांसे: प्रेगनेंसी के दूसरे और तीसरे महीने में महिलाओं के शरीर में हार्मोन बदलाव होते है। इसकी वजह से उनके चेहरे पर कील-मुहांसों की समस्या बढ़ जाती है। दरअसल, प्रेगनेंसी में त्वचा में सीबम का उत्पादन अधिक होता है और पोर्स बंद हो जाते हैं। इससे भी मुहांसों की समस्या बढ़ती है। इसके लिए त्वचा को मोइश्चराइज करें।

प्रेगनेंसी में ड्राय स्किन: गर्भावस्था के दौरान महिलाओं की त्वचा काफी ड्राय या रूखी हो जाती है। दरअसल, इस समय भ्रूण भी मां के शरीर से पानी प्राप्त करता है और अगर मां कब पानी पीती हैं, तो शरीर में पानी की कमी होने लगती है। इससे स्किन ड्राय या रूखी हो जाती है।

पेट की त्वचा में खिंचाव: प्रेगनेंसी में महिलाओं के पेट की त्वचा में भी खिंचाव पैदा होता है। जैसे-जैसे गर्भावस्था का समय बढ़ता है, वैसे-वैसे पेट की त्वचा में खिंचाव पैदा होता है और इससे खुजली होने लगती है।

स्किन एलर्जी: प्रेगनेंसी में स्किन बहुत सेंसिटिव हो जाती है, इससे स्किन एलर्जी की समस्या बढ़ने लगती है। इसलिए आपको स्क्रब और डियोडरेंट के इस्तेमाल से बचना चाहिए। कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल से भी बचें।

गर्दन की त्वचा का काला पड़ना: प्रेगनेंसी में हार्मोनल बदलाव की वजह त्वचा में पिगमेंटशन की समस्या बढ़ जाती है। इस दौरान आर्मपिट्स और गर्दन की त्वचा का रंग काला पड़ जाता है। त्वचा का रंग काला पड़ना भी प्रेगनेंसी की वजह से हो सकता है।

स्ट्रेच मार्क्स: प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं में स्ट्रेच मार्क्स की समस्या होना बहुत सामान्य है। दरअसल, जैसे-जैसे बच्चे का विकास होता है, पेट की त्वचा में खिंचाव होता है। इससे इलास्टिक फाइबर टूट जाते हैं और महिलाओं के पेट पर स्ट्रेच मार्क्स नजर आने लगते हैं। जब बच्चे का वजन बढ़ता है, तो स्ट्रेच मार्क्स भी बढ़ सकते हैं।

प्रेगनेंसी में मेलाज्मा: मेलाज्मा प्रेगनेंसी के दौरान त्वचा की सबसे गंभीर समस्या है, इसे प्रेगनेंसी मास्क भी कहा जाता है। इसमें चेहरे पर पिग्मेंटेशन की समस्या हो जाती है। सूरज की किरणें, एस्ट्रोजन का बढना इस समस्या के कारण हैं। ऐसे में आपको इस समस्या से बचने के लिए धूप से बचना चाहिए।

प्रेगनेंसी में स्किन की देखभाल:
– प्रेगनेंसी में अपनी त्वचा को हाइड्रेट रखने के लिए ढेर सारा पानी पिएं और शुगर लोडेड चीजों से परहेज करें।
– कील-मुहांसों की समस्या से निजात पाने के लिए लैक्टिक बेस्ड क्लींजर का इस्तेमाल करें।
– पेट में खिंचाव की वजह से अगर आपको खुजली महसूस हो, तो इसके लिए किसी ऑर्गेनिक ऑयल से पेट की मालिश कर सकती हैं।
– कैमिकल युक्त स्किन केयर और हेयर केयर प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल से आपको बचना चाहिए।
– गर्दन के कालेपन से बचने के लिए धूप में कम से कम निकलें। साथ ही सनस्क्रीन रोजाना लगाएं। दाग-धब्बों से छुटकारा पाने के लिए हेल्दी स्किन केयर रूटीन को जरूर फॉलो करें।
– रात को मेकअप जरूर रिमूव करें। इससे पूरे दिन का डर्ट स्किन से निकल जाएगा।
– स्ट्रेच मार्क्स की समस्या से बचने के लिए पेट, जांघों और हिप्स के आस-पास को अच्छी तरह से मॉयश्चराइज करें।
– दिन में अपनी त्वचा को 2 बार गुनगुने पानी से जरूर धोएं।
– प्रेगनेंसी में अपनी सेहत और त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए हेल्दी डाइट लें। फलों और सब्जियों का अधिक मात्रा में सेवन करें।
– जंक फूड, प्रोसेस्ड फूड और अधिक तला-भुना खाने से बचें।

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