वाशिंगटनः वैज्ञनिक कैंसर कोशिकाओं को शक्तिशाली, कैंसर-रोधी एजेंट में बदलने के लिए एक नए तरीके का इस्तेमाल कर रहे हैं। एक अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है। अध्ययन के अनुसार, जांचकर्ताओं ने ट्यूमर को खत्म करने तथा दीर्घकालिक प्रतिरक्षा को प्रेरित करने, प्रतिरक्षा प्रणाली को सशक्त बनाने के लिए एक नया सेल-थेरेपी दृष्टिकोण विकसित किया है, ताकि यह कैंसर की पुनरावृत्ति को रोक सके। अध्ययन में कहा गया है कि ब्रिघम और महिला अस्पताल के नवीनतम प्रयास के तहत शोधकर्ताओं की टीम ने घातक मस्तिष्क कैंसर ग्लियोब्लास्टोमा के मामले में चूहों पर कैंसर-रोधी टीके का परीक्षण किया है, जिससे संबंधित निष्कर्ष ‘साइंस ट्रांसलेशनल मेडिसिन’ नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
सेंटर फॉर स्टेम सेल एंड ट्रांसलेशनल इम्यूनोथेरेपी (सीएसटीआई) के निदेशक खालिद शाह ने कहा, ‘‘हमारी टीम ने एक सरल विचार अपनाया है: कैंसर कोशिकाओं को लेना और उन्हें कैंसर-रोधी (एजेंट) और टीकों में तब्दील करना।’’ वह ब्रिघम में न्यूरोसजर्री विभाग में शोध के उपाध्यक्ष और हार्वर्ड मेडिकल स्कूल एवं हार्वर्ड स्टेम सेल इंस्टीट्यूट (एचएससीआई) में प्रोफेसर हैं।
शाह ने कहा, कि ‘जीन इंजीनियरिंग का उपयोग करके, हम कैंसर कोशिकाओं को एक चिकित्सीय एजेंट के रूप में विकसित करने के लिए फिर से इस्तेमाल कर रहे हैं, जो ट्यूमर कोशिकाओं को मारता है और प्राथमिक ट्यूमर को नष्ट करने तथा कैंसर को रोकने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली को तीव्र करता है।’’ शाह ने कहा, कि ‘हमारा लक्षय एक अभिनव, लेकिन रूपांतरणीय दृष्टिकोण अपनाना है, ताकि हम एक चिकित्सीय, कैंसर-रोधी टीका विकसित कर सकें, जिसका अंतत? चिकित्सा में स्थायी प्रभाव पड़ेगा।’’ शाह और सहयोगियों ने कहा कि यह चिकित्सीय रणनीति ठोस ट्यूमर की विस्तृत श्रृंखला पर लागू होती है और इसके अनुप्रयोगों की आगे की जांच जरूरी है। अध्ययन में कहा गया है कि कैंसर के टीके कई प्रयोगशालाओं के लिए अनुसंधान का एक सक्रिय क्षेत्र हैं, लेकिन शाह और उनके सहयोगियों ने जो दृष्टिकोण अपनाया है वह अलग है।