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कई साल पहले दिख जाते हैं मोतियाबिंद के ये लक्षण, नजर रखेंगे तो नहीं करवानी पड़ेगी सर्जरी

वर्लड हैल्थ आर्गेनाइजेशन के मुताबिक, दुनियाभर में करीब 220 करोड़ लोग आंखों की कमजोर रोशनी से परेशान हैं। मोतियाबिंद भी आंखों की एक समस्या है, जिसमें नैचुरल लैंस के सामने बादल जैसा जम जाता है। यह समस्या आमतौर पर बुढ़ापे में जाकर होती है, लेकिन आजकल बुढ़ापे से पहले भी इसका खतरा बढ़ गया है।.

वर्लड हैल्थ आर्गेनाइजेशन के मुताबिक, दुनियाभर में करीब 220 करोड़ लोग आंखों की कमजोर रोशनी से परेशान हैं। मोतियाबिंद भी आंखों की एक समस्या है, जिसमें नैचुरल लैंस के सामने बादल जैसा जम जाता है। यह समस्या आमतौर पर बुढ़ापे में जाकर होती है, लेकिन आजकल बुढ़ापे से पहले भी इसका खतरा बढ़ गया है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, आंखों के लैंस के सामने बादल जैसा धुंधलापन आने को मोतियाबिंद कहा जाता है। इसे मैडिकल भाषा में क्लाउडिंग ऑफ लैंस कहा जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि मोतियाबिंद का सबसे पहला लक्षण क्या होता है? क्योंकि, इस लक्षण को पकड़कर बचाव के जरूरी कदम उठाए जा सकते हैं और मोतियाबिंद की सर्जरी से बचा जा सकता है।

मोतियाबिंद होने का मुख्य कारण क्या है?
मायोक्लीनिक के अनुसार, मोतियाबिंद अक्सर बुढ़ापे में होता है। क्योंकि उर्म बढ़ने के साथ आंखों के लैंस में मौजूद प्रोटीन और फाइबर टूटने लगते हैं, जिसके कारण लैंस पर एक धुंधली परत जम जाती है। इसी को मोतियाबिंद कहते हैं। हालांकि, कई बार जन्मजात या चोट लगने के कारण भी मोतियाबिंद हो सकता है।

ये होता है सबसे पहला
मोतियाबिंद की शुरुआत आंखों की रौशनी कमजोर होने से होती है। यही इसका सबसे पहला लक्षण है, जिसपर नजर रखकर इस बीमारी से बचाव के कदम उठाए जा सकते हैं। आंखों की रौशनी कमजोर होने के साथ कई और लक्ष्ण भी दिख सकते हैं।

मोतियाबिंद के अन्य लक्षण
-आंखों के सामने हल्का धुंधलापन आना
-रंग हल्के लगना
-रात में ढंग से ना देख पाना
-कोई भी रौशनी तेज लगना
-बल्ब, लाइट जैसी चीजों के आसपास एक गोलाकार दिखना
-चीजों का डबल दिखना
-चश्मा या कॉन्टेट लैंस को बार- बार बदलने की जरूरत मोतियाबिंद से बचा सकते हैं ये फूड वेबएमडी के मुताबिक, मोतियाबिंद से बचने के लिए विटामिन सी, विटामिन ई जैसे पोषक तत्वों से भरपूर फूड का सेवन करें, जो आंखों के लिए अच्छे होते हैं। जैसे
-खट्ठे फल
-टमाटर
-लाल और हरी शिमला मिर्च
-कीवी
-ब्रॉकली
स्ट्रॉबेरी
आलू
सनलोवर ऑयल
पालक, आदि

इन लोगों को होता है अधिक खतराकुछ लोगों को मोतियाबिंद होने का खतरा अधिक होता है। जिसमें डायिबटीज के मरीज, आंखों के रोग से परेशान, पुरानी आंखों की सर्जरी या लंबे समय से स्टेराइड दवाओं का सेवन, शराब व धूम्रपान करने वाले लोग शामिल हैं।

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