इन योगासन से होगी रीढ़ की हड्डी से जुड़ी समस्याएं दूर, मिलेगी दर्द से राहत

कभी-कभी पीठ में इतना दर्द हो जाता है कि हमें उठने-बैठने में बहुत ज्यादा दिक्कत आती है। पीठ का दर्द होना कोई आम बात नहीं है बल्कि ये दर्द रीढ़ की हड्डी में कुछ परेशानियां आने से होती है। इस समस्या को दूर करने के लिए लोग दर्द कम करने वाली दवाइयों का सेवन करते.

कभी-कभी पीठ में इतना दर्द हो जाता है कि हमें उठने-बैठने में बहुत ज्यादा दिक्कत आती है। पीठ का दर्द होना कोई आम बात नहीं है बल्कि ये दर्द रीढ़ की हड्डी में कुछ परेशानियां आने से होती है। इस समस्या को दूर करने के लिए लोग दर्द कम करने वाली दवाइयों का सेवन करते हैं। कई बार तो दवाईयां भी इस दर्द को कम नहीं कर पाती हैं जो उनके लिए बहुत बड़ी समस्या बन जाती है । दवाइयों के अलावा कुछ फिजीकली एक्सरसाइज एसी होती है जो आपके इस दर्द को कम करने काम करती है। ऐसे में योगासन करना हमारे लिए सबसे बेस्ट ऑप्शन होता है। योगासन करना शरीर को फिजीकली फिट रखने के साथ-साथ बीमारियों को भी दूर करता है। इससे आपकी रीढ़ की हड्डी मजबूत और दर्द को राहत भी मिलेगी। एसे में आज हम आपको कुछ ऐसे योगासन बताएंगे जो आपके पीठ के दर्द जैसी समस्या को दूर करेगे…

धनुरासन: धनुरासन करने से फेफड़े खुलते हैं और मांसपेशियां मजबूत बनीत है। इसके अलावा यदि आपके बैठने का पॉश्चर गलता है तो भी आप इस योगसन को कर सकते हैं। इससे पीठ का दर्द कम होगा और सीने में होने वाली जलन भी दूर होगी।

सेतुबंधासन : पीठ के बल लेटकर फिर हाथों से एड़ियों को पकड़ें और रीढ़ की हड्डी को ऊपर की ओर उठाएं। इससे पेट की मांसपेशियां रीढ़ की हड्डी का लचीलापन ठीक होगा। रोजना आप 2-5 मिनट इस आसन को कर सकते हैं।

शलभासन:पेट के बल लेट जाएं फिर ठुड्डी को नीचे की ओर जमीन पर लगाएं। हथेलियों को जांघों को जांघों के नीचे रखें और फिर पैरों को ऊपर उठा लें। 2-5 बार इस पोजीशन को करें फिर पैरों को ऊपर उठाकर कुछ मिनट तक होल्ड कर लें।

भुजंगासन :इस आसन को करने में आपकी स्पाइनल कोर्ड पीछे की ओर मुड़ती है और आपके कुल्हे मजबूत बनते हैं। रीढ़ की हड्डी में लचीलापन लाने के लिए रोजाना आप 2-3 मिनट इस योग को करें। इससे कंधे, पेट और छाती में खिंचाव आता है। इसके अलावा यह एक बहुत अच्छा स्ट्रेचिंग योगासन है।

चक्रासन :इसके अलावा इस आसान को करने से पेल्विक एरिया मजबूत होता है। पीठ के बल लेट जाएं और फिर अपने पैरों को तबतक मोड़ें जब तक हथेली सीधी न हो जाए। उल्टा यू बनाएं और रीढ़ की हड्डी को ऊपर की ओर उठा लें। इससे गर्दन की मांसपेशियां और कंधे की मांसपेशियां लचीली बनती हैं।

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