या कोई व्यायाम करती हैं तो डिप्रैशन का खतरा काफी कम हो सकता है। हाल ही में हुई एक स्टडी की माने तो अगर हम हर रोज सिर्फ 15 मिनट जौगिंग करते हैं तो डिप्रैशन का खतरा काफी कम हो सकता है। अगर आप जॉगिंग नहीं करना चाहती तो इसकी जगह पर आप कोई भी शारीरिक व्यायाम कर सकती हैं।
बहुत से एक्सपर्ट्स का मानना है कि जो लोग डिप्रैशन के शिकार हैं अगर वे रोज सुबह जॉगिंग करते हैं तो उनके लिए ये बेहद कारगर होगा। ऐसा करने से हार्ड 50 प्रतिशत और तेजी से पंप करने लगता है। आपको बता दें कि इस स्टडी में 6 लाख से अधिक लोग शामिल थे। इन लोगों में से कुछ को एक्सेलेरोमीटर पहनाए गए थे,
वहीं कुछ ने अपने फिजिकल वर्क की सेल्फ रिपोर्टिंग की थी। इस एक्सपेरिमैंट से ये समझ में आया कि जिन लोगों ने एक्सेलेरोमीटर पहने थे और एक्सरसाइज भी की थी, उनमे डिप्रैशन का खतरा कम था उन लोगों के तुलना में जिन्होंने एक्सेलेरोमीटर नहीं पहने थे। स्टडी से ये भी साफ हो गया है
कि आपके डी.एन.ए. का डिप्रैशन से कोई लेना देना नहीं है। डिप्रैशन जैनेटिक परेशानी नहीं है, इसका ये मतलब हुआ कि अगर आपके माता, पिता को ये समस्या है तो जरूरी नहीं कि ये आपको भी हो। ऐसे में आप 20-30 मिनट जॉगिंग कर के इस समस्या से निजात पा सकती हैं।