अहमदाबाद : अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड (एईएसएल) ने शुक्रवार को गुजरात में 2,800 करोड़ रुपये का पावर ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट हासिल किया। भारत की सबसे बड़ी निजी ट्रांसमिशन और वितरण कंपनी ने कहा कि यह प्रोजेक्ट 36 महीनों में देश को सौंपा जाएगा, जो मुंद्रा में ग्रीन हाइड्रोजन और ग्रीन अमोनिया के निर्माण के लिए ग्रीन इलेक्ट्रॉनों की आपूर्ति करेगा।
अडानी ग्रुप की कंपनी को इस वित्त वर्ष में यह छठा ऑर्डर मिला है, जिसके कारण कंपनी की ऑर्डरबुक 57,561 करोड़ रुपये की हो गई है। इस प्रोजेक्ट में दो बड़े 765/400 केवी ट्रांसफार्मर जोड़कर नवीनल (मुंद्रा) विद्युत सबस्टेशन को अपग्रेड करना भी शामिल है। कंपनी के मुताबिक, इस सबस्टेशन को भुज सबस्टेशन से जोड़ने के लिए 75 किलोमीटर लंबी 765 केवी डबल-सर्किट लाइन का निर्माण किया जाएगा।
एईएसएल को कर दिया गया है हस्तांतरित
इस प्रोजेक्ट से एईएसएल के कुल ट्रांसमिशन इन्फ्रास्ट्रर में 150 सर्किट किलोमीटर (सीकेएम) की ट्रांसमिशन लाइनें और 3,000 एमवीए की ट्रांसफॉर्मेशन क्षमता जुड़ेगी, जिससे उनकी क्षमता क्रमश: 25,928 सीकेएम और 87,186 एमवीए हो जाएगी। एईएसएल ने कहा कि उसने टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धी बोली (टीबीसीबी) सिस्टम के तहत प्रोजेक्ट जीता है और पीएफसी काउंसलिंग लिमिटेड बोली प्रक्रिया की समन्वयक थी।
प्रोजेक्ट एसपीवी को औपचारिक रूप से 20 मार्च 2025 को एईएसएल को हस्तांतरित कर दिया गया है। एईएसएल देश की सबसे बड़ी निजी ट्रांसमिशन कंपनी है, जिसके पास 25,928 सीकेएम का ट्रांसमिशन नेटवर्क और 87,186 एमवीए की ट्रांसफॉर्मेशन क्षमता है।
76 अरब रुपये होने का अनुमान
एईएसएल रिटेल बिजली वितरण क्षेत्र में भी मौजूद है। यह मुंबई और औद्योगिक केंद्र मुंद्रा एसईजेड में लगभग 1.3 करोड़ उपभोक्ताओं को सेवा प्रदान करती है। कंपनी अपने स्मार्ट मीटरिंग कारोबार को भी बढ़ा रही है और भारत की अग्रणी स्मार्ट मीटरिंग इंटीग्रेटर बनने की राह पर है।
अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस अपने ट्रांसमिशन, वितरण और स्मार्ट मीटर कारोबार में मजबूत वृद्धि दर्ज करने के लिए तैयार है। एलारा कैपिटल के नोट के अनुसार, कंपनी का ट्रांसमिशन एबीआईटीडीए वित्त वर्ष 27 में दोगुना होकर 76 अरब रुपये होने का अनुमान है।