‘न्याय यात्रा‘ के बाद Congress की असम इकाई से नेताओं का ‘पलायन’ हुआ शुरू : CM Himanta Biswa Sarma

शर्मा ने जोरहाट जिले के तिताबर में एक साक्षात्कार के दौरान ‘जमीनी स्थिति की उचित जानकारी लिए बिना’ असम में जाति आधारित जनगणना और मणिपुर हिंसा जैसे विषयों को उठाने के लिए गांधी की आलोचना की।

तिताबोरः असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने दावा किया कि राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के राज्य से गुजरने के बाद कांग्रेस नेताओं का ‘‘पलायन’’ शुरू हुआ। शर्मा ने जोरहाट जिले के तिताबर में एक साक्षात्कार के दौरान ‘जमीनी स्थिति की उचित जानकारी लिए बिना’ असम में जाति आधारित जनगणना और मणिपुर हिंसा जैसे विषयों को उठाने के लिए गांधी की आलोचना की। उन्होंने यह दावा भी किया कि लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस के और भी नेता भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होंगे।

जब उनसे पूछा गया कि क्या यात्रा का लोकसभा चुनाव के दौरान राज्य में कोई असर दिखेगा, उन्होंने कहा, कि ‘ ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के दौरान उन्होंने (गांधी ने) सड़कों पर बहुत (राजनीतिक) हाराकिरी (आत्मघाती कदम उठाना) की। कांग्रेस नेताओं सहित लोग बहुत नाराज हुए। इससे हमें बहुत मदद मिली।’’ शर्मा ने दावा किया कि यात्रा के बाद कांग्रेस से पलायन शुरू हुआ और यह जारी है। उन्होंने कहा, कि ‘राहुल को किसी राज्य की संस्कृति का ज्ञान नहीं है। वह न तो अध्ययन करते हैं और न ही अपने सहयोगियों से चर्चा करते हैं। वह आते हैं और लोगों को परेशान करते हैं। यदि हम किसी राज्य में जाते हैं, तो हम उचित जानकारी प्राप्त करेंगे, जैसे कि (उस राज्य के) सांस्कृतिक प्रतीक क्या हैं, क्या बातें कही जानी चाहिए या क्या नहीं कहा जाना चाहिए और उस राज्य के लिए कौन से मामले संवेदनशील हैं।’’

विभिन्न चुनावों के दौरान भाजपा का प्रचार करने के लिए पूरे भारत में यात्रा करने वाले शर्मा ने कहा कि वह किसी राज्य में जाने से पहले पर्याप्त जानकारी लेते हैं और लोगों से इस बारे में बात करते हैं ताकि कुछ भी गलत न हो। उन्होंने कहा, कि ‘राहुल किसी प्रकार की जानकारी लिए बिना आते हैं और वह प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से, जानबूझकर या अनजाने में, स्थानीय लोगों को अपमानित कर देते हैं जिससे समस्या पैदा हो जाती है।’’ शर्मा ने एक उदाहरण देते हुए कहा कि गांधी ने असम में जाति आधारित जनगणना और मणिपुर हिंसा के मुद्दे उठाए, जबकि ‘‘इनमें से किसी भी विषय की यहां कोई प्रासंगिकता नहीं है।’’

उन्होंने कहा, कि ‘असम एक जातिविहीन समाज है और यहां लोग जातिवाद में विश्वास नहीं करते हैं। अगर अचानक कोई यहां आकर जातीय जनगणना की बात करेगा तो यह कोई स्वीकार नहीं करेगा। जाति आधारित जनगणना बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में प्रासंगिक हो सकती है, लेकिन असम में नहीं।’’ शर्मा ने कहा, कि ‘जब आप आते तो असम में हैं और बात मणिपुर के बारे में करते रहते हैं, तो लोग अलग-थलग महसूस करते हैं क्योंकि मणिपुर और असम दो अलग-अलग राज्य हैं।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या गांधी को ठीक से जानकारी नहीं देना कांग्रेस की असम इकाई की गलती थी, शर्मा ने कहा कि जानकारी दिए जाते समय बात को सुनना महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा, कि ‘आपको समय देना होगा, आपको धैर्य रखना होगा। वह (गांधी) एक अधीर व्यक्ति हैं। आपको संस्कृति, मानव विज्ञन और भूगोल को समझने के लिए बहुत धैर्य की आवश्यकता है इसलिए आपको किसी राज्य में आने से पहले कम से कम दो घंटे का समय देना होगा।’’ ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ 18 से 25 जनवरी तक असम से गुजरी थी और इस दौरान गांधी ने शर्मा को ‘‘भारत का सबसे भ्रष्ट मुख्यमंत्री’’ करार दिया था। आठ दिन की इस यात्रा के दौरान दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर आरोप लगाए, झड़पें हुई और विभिन्न पुलिस थानों में कई प्राथमिकी दर्ज की गईं।

यह पूछे जाने पर कि उन्होंने यह बयान तथ्यों के आधार पर दिया है या यह सिर्फ राजनीतिक बयानबाजी है, भाजपा नेता ने कहा, ‘‘आज, यदि आप कांग्रेस मुख्यालय या उसके किसी भी जिला कार्यालय में जाते हैं, तो आपको खाली कुर्सियां और खाली कमरे दिखाई देंगे क्योंकि कांग्रेस के जिन लोगों को मैं जानता हूं, उनमें से अधिकतर पिछले तीन महीने में भाजपा में शामिल हो गए हैं।’’ उन्होंने कहा, कि ‘अब, कांग्रेस की राज्य इकाई में मुश्किल से 30-40 नेता हैं। मुझे लगता है कि लोकसभा चुनाव के बाद, अन्य सभी नेता भाजपा में शामिल हो जाएंगे।’’

मुख्यमंत्री ने दावा किया था कि असम की कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष भूपेन कुमार बोरा भाजपा में शामिल होंगे लेकिन विपक्षी नेता ने इससे इनकार किया है। इस बारे में सवाल किए जाने पर शर्मा ने कहा, ‘‘मैंने यह कहा है कि समय आने पर हर कांग्रेसी भाजपा में शामिल होगा। जिसने मानहानि का मुकदमा दायर किया है या जिसने विधानसभा के पटल पर हमारे खिलाफ बोला है, लगभग हर कोई, हमारे साथ जुड़ गया है। मुझे नहीं लगता कि भूपेन बोरा अपवाद होंगे।’’ बोरा ने मुख्यमंत्री के खिलाफ 10 करोड़ रुपये का मानहानि का मामला दायर किया है।

शर्मा ने किसी का नाम लिए बिना कहा, कि ‘असम में दो-तीन नेता हैं जिनके पिता पूर्व मुख्यमंत्री थे। इसके अलावा, कोई ऐसा व्यक्ति भी हो सकता है जो (कांग्रेस से) बहुत गहराई से जुड़ा हो और वह (भाजपा में) नहीं आ सकता या हम उसे लेना नहीं चाहते।’’ उन्होंने कहा, कि ‘हर राजनीतिक दल की एक नकारात्मक सूची होती है। सूची में चार-पांच लोग होते हैं। उन्हें छोड़कर बाकी सभी लोग भाजपा में आएंगे।’’

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