Agriculture Minister Shivraj Singh Chouhan : कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए उन्हें एक ऐसा नेता बताया जिन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में अपने एक दशक लंबे कार्यकाल के दौरान स्वच्छ राजनीति और समावेशी विकास को बढ़ावा दिया। सोशल मीडिया मंच एक्स पर किए गए पोस्ट में मंत्री ने सिंह की द्विदलीय शासन की विरासत और भारत की अर्थव्यवस्था को बदलने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को याद किया और उनके निधन को देश के लिए एक अपूरणीय क्षति बताया।
चौहान ने कहा, कि वह बहुत विनम्र, सरल और सीधे व्यक्ति थे, जिन्होंने 1990 के दशक में वित्त मंत्री के रूप में भारत के आर्थिक उदारीकरण की अगुवाई करने के बाद 2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री के रूप में देश की सेवा की। मंत्री ने कहा, कि मुख्यमंत्री के रूप में मुझे अनेक मामलों पर हमेशा उनका मार्गदर्शन प्राप्त हुआ..। 1990 के दशक में उनकी उदारीकरण की नीतियों ने भारत की आर्थिक वृद्धि को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
अर्थशास्त्र के उद्भट विद्वान, आर्थिक सुधारों के महानायक डॉ. मनमोहन सिंह जी मौन हो गए। उनके जाने से आर्थिक सुधारों के एक युग का अंत हो गया। उनके आर्थिक सुधारों ने देश के विकास को एक नई दिशा और गति दी थी।
वे प्रधानमंत्री थे और मुख्यमंत्री के नाते मुझे उनके सानिध्य में रहने का… pic.twitter.com/6kRP6OXzAQ
— Office of Shivraj (@OfficeofSSC) December 27, 2024
वाशिंगटन में हुई एक घटना को याद करते हुए चौहान ने कहा, कि ‘जब एक पत्रकार ने सिंह को अंडर अचीवर कहा था, तब मैंने उनका बचाव किया था।’’ उन्होंने बताया, क मैंने तुरंत जवाब दिया और सम्मानपूर्वक कहा कि हमारे प्रधानमंत्री कभी भी अंडर अचीवर नहीं हो सकते। चौहान ने सिंह की दलीय राजनीति से ऊपर उठने और राजनीतिक संबद्धता की परवाह किए बिना राज्यों का समर्थन करने की क्षमता की प्रशंसा की।
उन्होंने कहा, कि जब मैंने पाला को राष्ट्रीय आपदा न मानने का मामला उठाया तो उन्होंने एक समिति गठित की जिसमें मैं, प्रणब मुखर्जी और शरद पवार शामिल थे। समिति ने बाद में पाला को राष्ट्रीय आपदा घोषित कर दिया। पूर्व प्रधानमंत्री को अंतिम श्रद्धांजलि देते हुए कृषि मंत्री चौहान ने कहा, वह सचमुच महान थे। उनका जाना निश्चित रूप से भारतीय राजनीति के लिए बहुत बड़ी क्षति है। ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान प्रदान करें। विनम्र श्रद्धांजलि।