फरवरी में पेश होने वाले बजट में कोई ‘बड़ी घोषणा’ नहीं होगी: वित्त मंत्री सीतारमण

नई दिल्लीः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि एक फरवरी, 2024 को पेश किए जाने वाले बजट में कोई बड़ी घोषणा नहीं होगी। उन्होंने कहा कि यह आम चुनाव से पहले पेश होने वाला लेखानुदान होगा। यह सीतारमण का छठा बजट होगा। सीतारमण ने सीआईआई-वैश्विक आíथक नीति मंच को संबोधित करते हुए कहा.

नई दिल्लीः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि एक फरवरी, 2024 को पेश किए जाने वाले बजट में कोई बड़ी घोषणा नहीं होगी। उन्होंने कहा कि यह आम चुनाव से पहले पेश होने वाला लेखानुदान होगा। यह सीतारमण का छठा बजट होगा। सीतारमण ने सीआईआई-वैश्विक आíथक नीति मंच को संबोधित करते हुए कहा कि अगले साल अप्रैल-मई में होने वाले आम चुनावों के बाद चुनी हुई नई सरकार वित्त वर्ष 2024-25 का पूर्ण बजट जुलाई में पेश करेगी। सीतारमण एक फरवरी, 2024 को लोकसभा में एक अप्रैल, 2024 से शुरू होने वाले वित्त वर्ष के लिए अंतरिम बजट पेश करेंगी। उन्होंने कहा,‘‘..यह सच है कि एक फरवरी, 2024 को जो बजट घोषित किया जाएगा। यह सिर्फ लेखानुदान होगा। इसका कारण अप्रैल-मई में होने वाला आम चुनाव है। इसीलिए सरकार जो बजट पेश करेगी वह सिर्फ तबतक के लिए सरकारी खचरें को पूरा करने को लेकर होगा जबतक कोई नई सरकार नहीं बन जाती।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या वह फरवरी में पेश होने वाले बजट में बड़ी-बड़ी घोषणाएं करेंगी, उन्होंने कहा, ‘‘उस समय (लेखानुदान में) कोई बड़ी घोषणा नहीं होगी।

अत: आपको नई सरकार के आने तथा जुलाई, 2024 में पेश होने वाले पूर्ण बजट तक इंतजार करना होगा।’’ अरुण जेटली के बीमार पड़ने के बाद वित्त मंत्रलय का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे पीयूष गोयल ने 2019 में अंतरिम बजट पेश किया था। नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के लगातार दूसरी बार सत्ता में आने के बाद सीतारमण को वित्त मंत्री बनाया गया था। उन्होंने पांच जुलाई, 2019 को पूर्ण बजट पेश किया था। वास्तव में लेखानुदान के जरिये नई सरकार के कार्यभार संभालने तक कुछ जरूरी खर्च करने के लिए व्यवस्था की जाती है।

सरकारें पूर्व में लेखानुदान के दौरान कोई भी बड़ी नीतिगत घोषणा करने से बचती रही हैं लेकिन बड़ी घोषणाएं करने पर कोई संवैधानिक रोक नहीं है। गोयल ने 2019 में पेश अंतरिम बजट में 12 करोड़ किसानों को 6,000 रुपये प्रति वर्ष नकद सहायता दिये की घोषणा की थी। इसके अलावा, मध्यम वर्ग के लिए कर रियायतों की भी घोषणा की थी। इसमें वेतनभोगी वर्ग के लिए मानक कटौती को 40,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये करना शामिल था। साथ ही, 2019 के अंतरिम बजट में व्यक्तिगत करदाताओं के लिए पांच लाख रुपये तक की कर योग्य वार्षकि आय पर पूरी तरह से कर छूट की घोषणा की गई।

यानी ऐसे करदाताओं को कोई कर देने की जरूरत नहीं होगी, जिनकी सालाना आय पांच लाख रुपये है। बजट से एक दिन पहले हर साल आर्थिक समीक्षा पेश की जाती है। लेकिन सरकार लेखानुदान से पहले इसे पेश नहीं करती है। अर्थव्यवस्था की स्थिति बताने वाली आर्थिक समीक्षा जुलाई में पेश होने वाले पूर्ण बजट से पहले पेश की जाएगी।

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