PM मोदी समेत भाजपा नेताओं ने दीन दयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि दी

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा कि दीनदयाल उपाध्याय के विचारों ने विकसित भारत के निर्माण के लिए प्रेरणास्नेत का काम किया है। मोदी ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी को उनकी पुण्यतिथि पर देशभर के अपने परिवारजन की ओर से शत-शत नमन।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में शामिल रहे पंडित दीनदयाल उपाध्याय को उनकी पुण्यतिथि पर रविवार को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि उन्होंने भारतीय संस्कृति और विरासत को केंद्र में रखते हुए देश को आगे ले जाने का मार्ग प्रशस्त किया। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा कि दीनदयाल उपाध्याय के विचारों ने विकसित भारत के निर्माण के लिए प्रेरणास्नेत का काम किया है। मोदी ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी को उनकी पुण्यतिथि पर देशभर के अपने परिवारजन की ओर से शत-शत नमन। उन्होंने भारतीय संस्कृति और विरासत को केंद्र में रखकर देश को आगे ले जाने का मार्ग दिखाया, जो विकसित भारत के निर्माण में भी प्रेरणास्नेत बना है।’’ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के पदाधिकारी रहे उपाध्याय भारतीय जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में से थे। भारतीय जनसंघ से ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का गठन हुआ।

मोदी दीनदयाल उपाध्याय के ‘अंत्योदय’ और ‘एकात्म मानवतावाद’ के विचारों को अपने शासन के मॉडल के लिए प्रेरणा के रूप में अक्सर उद्धृत करते हैं। उपाध्याय का 1968 में निधन हो गया था। भाजपा के अन्य नेताओं ने भी उपाध्याय को श्रद्धांजलि दी। पार्टी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने कहा कि उनके मूल्य पार्टी के लिए हमेशा मार्गदर्शक रहेंगे।
नड्डा ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘अत्यंत सरल-सहज जीवन-शैली और भारतीय संस्कृति के प्रवाह को अभिसिंचित करने वाले दीनदयाल जी का जीवन भाजपा के कोटिश? कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणा है।

सेवा, सुशासन और विकास से अंत्योदय के संकल्प को साकार करने के संस्कार जो उन्होंने दिए हैं, वे हमारा कर्तव्यपथ बनकर मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।’’ गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि उपाध्याय का जीवन राष्ट्र सेवा और उसके प्रति समर्पण का प्रतीक है। उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘दीनदयाल जी का जीवन राष्ट्रसेवा व समर्पण का विराट प्रतीक है। उनका मानना था कि कोई भी देश अपनी संस्कृति के मूल विचारों को भुलाकर प्रगति नहीं कर सकता। जब भी मानवता के कल्याण की बात होगी, पंडित जी के एकात्म मानववाद और अंत्योदय के सिद्धांत सम्पूर्ण मानवजाति को ध्रुव तारे की तरह मार्गर्दिशत करेंगे।’’

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