Bengaluru पुलिस आयुक्त कार्यालय के निकट बस ‘शेल्टर’ नहीं हुआ चोरी

बेंगलुरुः कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में जो नव निर्मित बस ‘शेल्टर’ गायब हो गया, वह चोरी नहीं हुआ था, बल्कि बृहत बेंगलुरु महानगर पालिके (बीबीएमपी) के अधिकारियों ने इसके ‘त्रुटिपूर्ण निर्माण’ के चलते लोगों की सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए इसे हटा दिया था। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी। कनिंघम रोड पर.

बेंगलुरुः कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में जो नव निर्मित बस ‘शेल्टर’ गायब हो गया, वह चोरी नहीं हुआ था, बल्कि बृहत बेंगलुरु महानगर पालिके (बीबीएमपी) के अधिकारियों ने इसके ‘त्रुटिपूर्ण निर्माण’ के चलते लोगों की सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए इसे हटा दिया था। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी। कनिंघम रोड पर ‘स्टेनलेस स्टील’ (जंगरोधी लोहे) से बना यह बस ‘शेल्टर’ बेंगलुरु नगर पुलिस आयुक्त कार्यालय के ठीक पीछे और विधान सौध के निकट स्थित था। इसके चोरी हो जाने के बारे में मीडिया में आई खबरों से पुलिस को र्शिमंदगी झेलनी पड़ी।

पुलिस के मुताबिक, बस ‘शेल्टर’ के निर्माण के लिए जिम्मेदार कंपनी साइनपोस्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिनिधि से मिली एक शिकायत के आधार पर 30 सितंबर को हाई ग्राउंड पुलिस थाने में चोरी का एक मामला दर्ज किया गया था। कंपनी ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि 21 अगस्त को निर्मित बस ‘शेल्टर’ को 28 अगस्त को किये गये निरीक्षण के दौरान ‘गायब’ पाया गया था।

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जांच के दौरान, जब जांचकर्ताओं ने नगर निकाय के वसंत नगर संभाग के सहायक कार्यकारी अभियंता से संपर्क किया, तो उन्होंने उन्हें (जांचकर्ताओं को) बताया कि निरीक्षण के दौरान उनकी टीम ने यह पाया कि बस ‘शेल्टर’ का निर्माण त्रुटिपूर्ण था और लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इसे 25 अगस्त को हटा दिया गया। उन्होंने बताया कि इसके बाद यह सामग्री गोदाम में रख दी गई।

उन्होंने बताया कि जांच के दौरान, हमने कई सीसीटीवी फुटेज खंगाले और पाया कि नगर निकाय अधिकारियों ने बस ‘शेल्टर’ को हटा दिया था। अधिकारी ने कहा, ‘‘जब हमने संबद्ध बीबीएमपी अधिकारी से संपर्क किया तो उन्होंने हमसे कहा कि ‘शेल्टर’ को इसके त्रुटिपूर्ण निर्माण के चलते हटाया गया। इसे खराब तरीके से निíमत किया गया था और यह यात्रियों के लिए खतरा पैदा कर रहा था। बीबीएमपी ने कंपनी को एक नोटिस भी जारी किया लेकिन जब उसने जवाब नहीं दिया, तब यात्रियों की सुरक्षा के लिहाज से और किसी भी अप्रिय घटना को टालने के लिए बस ‘शेल्टर’ को हटा दिया गया।’’

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