जंगल की बढ़ती आग के कारण कनाडाई प्रांत में आपातकाल

ओटावा: तेजी से बढ़ रही जंगल की आग के कारण कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया (बीसी) प्रांत के अधिकारियों ने आपातकाल की घोषणा कर दी है। आग से वेस्ट केलोना शहर के आसपास के इलाके में और अधिक घरों के नष्ट होने का खतरा है। मीडिया ने शनिवार को यह सूचना दी। शुक्रवार देर रात ट्वीट्स.

ओटावा: तेजी से बढ़ रही जंगल की आग के कारण कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया (बीसी) प्रांत के अधिकारियों ने आपातकाल की घोषणा कर दी है। आग से वेस्ट केलोना शहर के आसपास के इलाके में और अधिक घरों के नष्ट होने का खतरा है। मीडिया ने शनिवार को यह सूचना दी। शुक्रवार देर रात ट्वीट्स की एक श्रृंखला में, ब्रिटिश कोलंबिया के प्रमुख डेविड एबी ने कहा, ‘इस साल, हम अब तक के सबसे भीषण जंगल की आग का सामना कर रहे हैं। पिछले 24 घंटों में, स्थिति तेजी से बिगड़ी है और हम बेहद चुनौतीपूर्ण स्थिति में हैं। तेजी से बदलती परिस्थितियों को देखते हुए, हम प्रांतीय आपातकाल की घोषणा कर रहे हैं।

उन्ज़्होंने कहा, ‘हम सभी ब्रिटिश कोलंबियावासियों से सतर्क रहने, स्थानीय अधिकारियों की बात सुनने और निकासी आदेशों का पालन करने का आ’’ान कर रहे हैं। हम मिलकर इससे निपट लेंगे।‘ यह घोषणा तब आई है जब मैकडॉगल क्रीक जंगल की आग शुक्रवार तक 24 घंटों में 64 से बढ़कर 6,800 हेक्टेयर हो गई। लगभग 4,800 लोगों को अब निकासी के आदेश दिए गए हैं। इससे पहले शुक्रवार को वेस्ट केलोना के अग्निशमन प्रमुख जेसन ब्रोलुंड ने जंगल की आग को ‘विनाशकारी‘ बताया था।

बीबीसी ने ब्रोलुंड के हवाले से कहा, ‘हमने अपने समुदाय की रक्षा के लिए कल रात कड़ा संघर्ष किया। हमने एक ही रात में आग पर काबू पाया।‘ स्थानीय अधिकारियों ने पहले ही क्षेत्र में ‘महत्वपूर्ण संरचनात्मक नुकसान‘ की सूचना दी है, इसमें वेस्ट केलोना के ठीक उत्तर में ट्रेडर्स कोव भी शामिल है। अभी तक किसी की मौत की सूचना नहीं है। बढ़ती आग के परिणामस्वरूप, केलोना अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के आसपास के हवाई क्षेत्र को हवाई अग्निशामकों के अलावा अन्य सभी चीजों के लिए बंद कर दिया गया है।

जंगल की आग के कारण लगभग 22 हजार लोग कनाडा के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में विस्थापित हो गए हैं। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, कनाडा के संघीय क्षेत्र की राजधानी येलोनाइफÞ को खाली करने की आधिकारिक समय सीमा अब समाप्त हो गई है। शहर के बाहरी इलाके की ओर बढ़ रही जंगल की आग से बचने के प्रयास में, निवासी हवाई और सड़क मार्ग से निकलने की कोशिश कर रहे हैं। देश भर में लगभग 1,100 स्ज़्थानों पर आग लगी है।

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