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प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़ शुक्रवार को अदालत की कार्यवाही में नहीं होंगे शामिल : उच्चतम न्यायालय 

नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा कि प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ शुक्रवार को अदालती कार्यवाही में शामिल नहीं होंगे। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ को आज कई महत्वपूर्ण मामलों पर सुनवाई करनी थी, जिनमें मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके घुमाए जाने का मामला भी शामिल.

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नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा कि प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ शुक्रवार को अदालती कार्यवाही में शामिल नहीं होंगे। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ को आज कई महत्वपूर्ण मामलों पर सुनवाई करनी थी, जिनमें मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके घुमाए जाने का मामला भी शामिल है। बयान में कहा गया है, ‘‘भारत के प्रधान न्यायाधीश 28 जुलाई 2023 (शुक्रवार) को अदालती कार्यवाही में शामिल नहीं होंगे। इसलिए माननीय प्रधान न्यायाधीश एवं माननीय न्यायमूर्ति मनोज मिश्र की पीठ की अदालत नंबर एक में कार्यवाही रद्द मानी जाए।’’
बयान के मुताबिक, इस पीठ के समक्ष सूचीबद्ध मामलों को सुनवाई के लिए नहीं लिया जाएगा और इनकी सुनवाई स्थगित है। बयान में कहा गया है कि मामलों को तत्काल सुनवाई के लिए शीर्ष अदालत के वरिष्ठतम न्यायाधीश एस के कौल की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष पेश किया जा सकता है। प्रधान न्यायाधीश बृहस्पतिवार को भी सुनवाई के लिए उपलब्ध नहीं थे। उनकी अगुवाई वाली पीठ को केंद्रीय गृह मंत्रालय के जवाब पर गौर करना था, जिसने बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय को सूचित किया था कि मणिपुर में दो महिलाओं के साथ हुए जघन्य कृत्य की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपी गई है।
गृह मंत्रालय ने अपने सचिव अजय कुमार भल्ला के जरिये दाखिल हलफनामे में शीर्ष न्यायालय से इस मामले की सुनवाई मणिपुर से बाहर स्थानांतरित करने का अनुरोध भी किया था, ताकि मुकदमे की सुनवाई समयबद्ध तरीके से पूरी हो सके। मणिपुर के कांगपोकपी जिले में चार मई को दो महिलाओं को भीड़ द्वारा निर्वस्त्र कर उन्हें घुमाए जाने की घटना का पता 19 जुलाई को सामने आए एक वीडियो के जरिये चला। शीर्ष न्यायालय ने 20 जुलाई को घटना का संज्ञान लिया था और कहा था कि वह उक्त वीडियो से ‘‘बहुत व्यथित’’ है और हिंसा को अंजाम देने के हथियार के रूप में महिलाओं का इस्तेमाल ‘‘किसी भी संवैधानिक लोकतंत्र में पूरी तरह से अस्वीकार्य है।’’ प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र और मणिपुर सरकार को तत्काल उपचारात्मक एवं एहतियाती कदम उठाने तथा उसे संबंधित कदमों की जानकारी देने का निर्देश दिया था।
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