नई दिल्ली। दिल्ली सरकार की ओर से दिल्ली की जनता को एक और फ्लाईओवर की सौगात मिली है। सीएम आतिशी ने पंजाबी बाग फ्लाईओवर का उद्घाटन किया है। इस दौरान दिल्ली विधानसभा की उपाध्यक्ष और आम आदमी पार्टी की विधायक राखी बिड़ला और मोती नगर विधायक शिवचरण गोयल भी मौजूद रहे। इस मौके पर दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि यह पंजाबी बाग और इसके आसपास के इलाकों के लोगों के लिए नहीं बल्कि पूरी दिल्ली के लोगों के लिए तोहफा है। यह रिंग रोड का एक खास हिस्सा है। यहां पर लोग घंटों ट्रैफिक जाम से परेशान होते थे और फंसते थे।
उन्होंने कहा कि लोग सोचते थे कि कोई और रास्ता ले लिया जाए क्योंकि पंजाबी बाग और मोती बाग की तरफ इतना ज्यादा ट्रैफिक होता है और जाम होता है कि लोगों का सफर कई घंटो में पूरा होता था। आज हम इस फ्लाईओवर का उद्घाटन कर रहे हैं। जिसकी लंबाई 1.12 किलोमीटर की है। ये नजफगढ़ ड्रेन से ईएसआई अस्पताल को पार करता है।
उन्होंने कहा कि इस एक फ्लाईओवर के होने से तीन बत्तियों पर मिलने वाले जाम से लोगों को निजात मिलेगी। इस फ्लाईओवर से आजादपुर, राजा गार्डन, नजफगढ़, ईएसआई हॉस्पिटल इन इलाकों में आने जाने वाली गाड़ियों, बसों, टू व्हीलर को काफी आराम मिलेगा। उन्होंने कहा कि इससे पहले जो मोती नगर में फ्लाईओवर है उसे वन साइड से डबल फ्लाईओवर में बनाया गया था। इस नए फ्लाईओवर से 3.50 लाख वाहन चालकों को रोजाना फायदा मिलेगा। इस एक फ्लाईओवर से 1 साल में 11 लाख-पेट्रोल और डीजल बचेगा। जितना पेट्रोल डीजल की बचत होगी, उतना ही दिल्ली की जनता को प्रदूषण से भी राहत मिलेगी।
आतिशी ने कहा कि इस एक फ्लाईओवर को बनाना मतलब 65,000 पेड़ लगाने के बराबर है। यह आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद 39वां फ्लाईओवर है। उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल में आम आदमी पार्टी ने दिल्ली मेट्रो का 4.50 किलोमीटर का एक्सपेंशन किया है। 10,000 किलोमीटर से ज्यादा सड़कें बनी, 6,800 किलोमीटर से ज्यादा सीवर की पाइपलाइन बिछी और 4,000 किलोमीटर के करीब पानी की पाइपलाइन बिछाई गई। उन्होंने कहा कि पिछले 10 सालों में दिल्ली के सभी डार्क स्पॉट को खत्म किया गया और चार लाख से ज्यादा स्ट्रीट लाइट लगाई गई।
उन्होंने बताया कि इस फ्लाईओवर की लागत 352 करोड रुपए रखी गई थी। पूरा काम होने के बाद और सभी भुगतान होने के बाद करीब 40 करोड़ रुपए की बचत हुई है जो एक बड़ी उपलब्धि मानी जाती है। इसको बनाने के लिए 30 महीने का समय रखा गया था। लेकिन 2 साल के रिकार्ड समय में ही इसे पूरा कर लिया गया जिसके लिए पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारी बधाई के पात्र हैं।