Ram मंदिर का निर्माण अगले 1,000 वर्षों के लिए India में ‘राम राज्य’ की स्थापना का संकेत है: BJP

नई दिल्ली: भाजपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में रविवार को अयोध्या में राम मंदिर पर एक प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें कहा गया कि यह अगले 1,000 वर्षों के लिए भारत में ‘राम राज्य’ की स्थापना का संकेत है। प्रस्ताव में कहा गया है कि पिछले महीने भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा हुई जो.

नई दिल्ली: भाजपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में रविवार को अयोध्या में राम मंदिर पर एक प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें कहा गया कि यह अगले 1,000 वर्षों के लिए भारत में ‘राम राज्य’ की स्थापना का संकेत है। प्रस्ताव में कहा गया है कि पिछले महीने भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा हुई जो आज ‘राष्ट्रीय चेतना’ का मंदिर बन गया है और यह ‘विकसित भारत’ के निर्माण के संकल्पों को पूरा करने में निर्णायक भूमिका निभाएगा। प्रस्ताव में कहा गया है, ‘अयोध्या की प्राचीन पवित्र नगरी में श्रीराम की जन्मभूमि पर भव्य और दिव्य मंदिर का निर्माण देश के लिए एक ऐतिहासिक और गौरवशाली उपलब्धि है।

यह एक नए कालचक्र की शुरुआत के साथ अगले 1,000 वर्षों के लिए भारत में ‘राम राज्य’ की स्थापना का द्योतक है।’ इसमें कहा गया है कि यह अधिवेशन प्रधानमंत्री के नेतृत्व को दिल से बधाई देता है। प्रस्ताव में कहा गया है कि राम मंदिर भारत की दृष्टि, दर्शन और मार्ग का प्रतीक है। इसमें कहा गया, ‘श्रीराम मंदिर सही मायने में राष्ट्रीय चेतना का मंदिर बन गया है और भगवान श्रीराम का मंदिर देखकर हर भारतीय आनंदित है।’ इसी साल 22 जनवरी को प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में अयोध्या में राम मंदिर में रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी।

लाखों लोगों ने इस ऐतिहासिक समारोह का हिस्सा बनने के लिए अपने घरों और आसपास के मंदिरों में टैलीविजन पर ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह देखा। प्रस्ताव में कहा गया कि भगवान श्रीराम, सीता और रामायण भारतीय सभ्यता व संस्कृति के हर पहलू में विद्यमान हैं। इसमें कहा गया, ‘हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों और सभी के लिए न्याय के लिए समर्पित हमारा संविधान रामराज्य के आदर्शों से प्रेरित है।’ प्रस्ताव में उल्लेख किया गया है कि भारत के संविधान की मूल प्रति में भी मौलिक अधिकारों के खंड पर जीत के बाद अयोध्या लौटने पर भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण जी की तस्वीर इस बात का प्रमाण है कि भगवान श्रीराम मौलिक अधिकारों के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं।

प्रस्ताव में कहा गया है कि रामराज्य का विचार महात्मा गांधी के हृदय में भी था जो कहा करते थे कि यही सच्चे लोकतंत्र का विचार है। पार्टी ने कहा, ‘वह कहते थे कि रामराज्य का विचार ही सच्चे लोकतंत्र का विचार है। प्रधानमंत्री ने भगवान श्रीराम के आदर्शों पर चलते हुए देश में सुशासन की स्थापना कर सही अर्थों में रामराज्य की भावना को लागू किया है।’ प्रस्ताव में कहा गया कि भगवान राम ने अपने शब्दों और विचारों में जो मूल्य पैदा किए, वे ‘सबका साथ, सबका विकास’ के लिए प्रेरणा और ‘सबका विश्वास, सबका प्रयास’ का आधार हैं।

देश ने मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने का मन बना लिया है: अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को आगामी लोकसभा चुनाव की तुलना महाभारत के युद्ध से की और कहा कि जहां एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की अगुवाई वाला एनडीए गठबंधन देश के विकास के लिए काम कर रहा है। वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस नीत ‘इंडिया गठबंधन’ परिवारवादी पार्टियों और भ्रष्टाचारियों से भरा पड़ा है। भाजपा के 2 दिवसीय अधिवेशन के आखिरी दिन ‘भाजपा: देश की आशा, विपक्ष की हताशा’ प्रस्ताव पर कार्यकर्त्ताओं को संबोधित करते हुए शाह ने वंशवाद और तुष्टिकरण की राजनीति को बढ़ावा देने के लिए विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन की कड़ी आलोचना की।

शाह ने कहा, ‘जैसे महाभारत के युद्ध में दो खेमे थे… कौरव और पांडव थे, वैसे ही आज चुनाव से पहले 2 खेमे हैं।’ उन्होंने कहा कि इनमें से एक खेमा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा नीत एनडीए है और दूसरा कांग्रेस के नेतृत्व वाला ‘इंडिया’ गठबंधन है। उन्होंने कहा, ‘इंडिया’ गठबंधन सभी वंशवादी पार्टियों का गठबंधन है जो वंशवाद, भ्रष्टाचार, तुष्टिकरण की पोषक हैं जबकि भाजपा नीत एनडीए सभी दलों का गठबंधन है जो राष्ट्र के सिद्धांतों पर चलता है।’ शाह ने कहा कि देश के लोगों को यह तय करना होगा कि वे इस बार दोनों में से किसे जनादेश देना चाहते हैं।

उन्होंने इन पार्टियों को चलाने वाले परिवारों की दूसरी, तीसरी और चौथी पीढ़ी की ओर इशारा करते हुए कहा कि विपक्ष में ‘टू-जी’, ‘थ्री-जी’ और ‘फोर-जी’ पार्टियों की भरमार है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने समाज के सभी वर्गों के विकास के लिए काम किया है और वैश्विक स्तर पर देश का कद बढ़ाया है। शाह ने कहा कि लोगों के मन में इस बात को लेकर कोई संदेह नहीं है कि प्रधानमंत्री मोदी तीसरी बार सत्ता में लौटेंगे।

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