डाक्टरों ने बुजुर्ग महिला के मुड़े हुए पंजों को किया सीधा

नई दिल्ली : दिल्ली के एक अस्पताल में 71 वर्षीय बुजुर्ग महिला के दाएं व बाएं पैर के मुड़े हुए पंजों को सजर्री के जरिए सफलतापूर्वक सीधा कर दिया गया। मुड़े हुए पंजे की स्थिति को चिकित्सीय भाषा में हैलक्स वैल्गस या फिर हैमर टो भी कहते हैं। अस्पताल ने एक बयान में बताया कि.

नई दिल्ली : दिल्ली के एक अस्पताल में 71 वर्षीय बुजुर्ग महिला के दाएं व बाएं पैर के मुड़े हुए पंजों को सजर्री के जरिए सफलतापूर्वक सीधा कर दिया गया। मुड़े हुए पंजे की स्थिति को चिकित्सीय भाषा में हैलक्स वैल्गस या फिर हैमर टो भी कहते हैं। अस्पताल ने एक बयान में बताया कि महिला बचपन से ही दोनों पंजों में विकृति से जूझ रही थी और उसे हमेशा दर्द महसूस होता था। सजर्री के बाद उसकी स्थिति में काफी सुधार हुआ है। दिल्ली की रहने वाली देवेंद्र गिल दोनों पंजों में विकृति की शिकायत लेकर पिछले साल सितंबर में प्राइमस सुपर स्पैशयालिटी हॉस्पिटल पहुंची थी।

प्राइमस सुपर स्पैशयालिटी हॉस्पिटल के ऑर्थोपेडिक विभाग के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. मनदीप सिंह बजाज ने बताया कि मुड़े हुए पंजे व पैरों की कोणीय विकृति, चाहे वह जन्मजात ही क्यों न हो, अक्सर शुरुआती वर्षों में पीड़ितों को ज्यादा प्रभावित नहीं करती है। गिल में 20 साल पहले यह समस्या बढ़ गई, जब उसका दूसरा पंजा 25 डिग्री कोण तक मुड़ गया। 65 साल की उम्र तक पहुंचते-पहुंचते गिल को और दिक्कत महसूस होने लगी, क्योंकि उसका दूसरा पंजा 75 डिग्री तक मुड़ गया था, जिसकी वजह से उसका चलना और भी मुश्किल हो गया। इसके बाद उसने सजर्री कराने का फैसला किया।

प्राइमस हॉस्पिटल के विशेषज्ञ चिकित्सकों के एक दल ने गिल को समस्या से निजात पाने के लिए सजर्री कराने की सलाह दी। गिल को अक्सर थोड़ी दूर चलने पर भी दर्द हुआ करता था और वह सिर्फ विशेष रूप से बड़े आकार के चप्पल-जूते पहना करती थीं, लेकिन सजर्री के बाद अब वह बिना किसी असहजता के चल-फिर सकती हैं और सामान्य आकार के चप्पल-जूते पहनती हैं।

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