Uttarkashi Tunnel Accident: सुरंग में फंसे 40 मजदूरों को बचाने की कोशिशें जारी…खाने में भेजे गए रोटी-सब्जी और पुलाव

नेशनल डेस्क: उत्तराखंड में सिलक्यारा सुरंग हादसे को 11 दिन हो गए हैं और 41 मजदूरों को बचाने के लिए रेस्क्यू अब भी जारी है। बुधवार को भी बचाव- राहत की टीमें रेस्क्यू में जुट गईं। बता दें कि इससे पहले मंगलवार को सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों का पहला वीडियो सामने आया था। मजदूरों.

नेशनल डेस्क: उत्तराखंड में सिलक्यारा सुरंग हादसे को 11 दिन हो गए हैं और 41 मजदूरों को बचाने के लिए रेस्क्यू अब भी जारी है। बुधवार को भी बचाव- राहत की टीमें रेस्क्यू में जुट गईं। बता दें कि इससे पहले मंगलवार को सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों का पहला वीडियो सामने आया था। मजदूरों के पास पाइप के जरिए कैमरा और दो चार्जर भेजे गए थे।

 

मंगलवार को NHIDCL सुरंग परियोजना निदेशक अंशु मनीष खलको ने बताया कि 6 इंच के पाइप को पूरी तरह साफ कर लिया गया और उसके जरिए मजदूरों के लिए संतरा, केला, मौसम्बी और कुछ दवाइयां भेजी गई हैं। पिछले चार-पांच दिन से वे लोग नमक की मांग कर रहे थे। नमक भी भेज दिया गया और रात के खाने के लिए रोटी, सब्जी व पुलाव भेजे गए हैं।

 

सुरंग में फंसे 41 मजदूरों के लिए बचाव अभियान जारी है। केंद्र और राज्य की 6 एजेंसिंयां लगातार काम कर रही हैं। इन एजेंसियों के बीच समन्वय स्थापित करने के लिए उत्तराखंड के IAS नीरज खैरवाल को नोडल अधिकारी बनाया गया है। उत्तरकाशी सुरंग हादसे पर अपर सचिव, सड़क एवं परिवहन महमूद अहमद और NHIDCL सुरंग परियोजना निदेशक खलको ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मीडिया को ताजा जानकारी दी।

 

उन्होंने कहा कि NHIDCL ने सबसे पहले ऑक्सीजन आपूर्ति भोजन, पानी और दवा की सुविधा को सुनिश्चित किया है। अंदर रोशनी और बिजली की आपूर्ति हो रही है। सुरंग के अंदर 2 किलोमीटर तक की जगह है। उन्हें 4 इंच की पाइपलाइन से सूखे मेवे और खाने की अन्य चीजें भेजी जा रही थीं। लेकिन अब 6 इंच की पाइपलाइन के जरिए एक वॉकी-टॉकी भेजकर उनसे संचार स्थापित किया गया है। जिला प्रशासन हमारा सहयोग कर रहा है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ भी काम कर रहे हैं।‘

 

बता दें कि दिवाली वाले दिन यानि 12 नवंबर की सुबह सुरंग में ऊपर से अचानक मलबा गिर गया, जिससे 4 किमी लंबी निर्माणाधीन सुरंग के दूसरे हिस्से में नाइट शिफ्ट में काम कर रहे 41 मजदूर फंस गए। मलबा हटाकर उन्हें निकालने का प्रयास किया जा रहा है। मजदूरों के निकालने के लिए 11 दिनों से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।

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