विपक्षी गठबंधन में आपातकाल की मानसिकता जिंदा: JP Nadda

नई दिल्लीः भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने बृहस्पतिवार को विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस’ यानी ‘इंडिया’ पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि उसके घटक सिर्फ दो चीजें कर रहे हैं, जिनमें ‘सनातन’ संस्कृति को कोसना और मीडिया को ‘धमकी देना’ शामिल हैं। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट.

नई दिल्लीः भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने बृहस्पतिवार को विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस’ यानी ‘इंडिया’ पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि उसके घटक सिर्फ दो चीजें कर रहे हैं, जिनमें ‘सनातन’ संस्कृति को कोसना और मीडिया को ‘धमकी देना’ शामिल हैं। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में आरोप लगाया, ‘‘इन दलों में आपातकाल के दौर की मानसिकता जिंदा है।’’ भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने यह भी कहा, ‘‘आईएनडीआई गठबंधन को अपनी हरकतों से तुरंत बाज आना चाहिए। उन्हें इसके बजाय रचनात्मक कार्य और लोगों की सेवा पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। ’’
नड्डा की यह टिप्पणी कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल के उस बयान के एक दिन बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि विपक्षी गठबंधन की समन्वय समिति ने मीडिया से संबंधित कार्य समूह को उन एंकरों के नाम तय करने के लिए अधिकृत किया है, जिनके शो पर विपक्षी गठबंधन का कोई भी सदस्य अपने प्रतिनिधियों को नहीं भेजेगा। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस के इतिहास में मीडिया को धमकी देने और अलग-अलग विचारों वाले लोगों को चुप कराने के कई उदाहरण हैं। इस क्रम में उन्होंने प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से लेकर इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के कार्यकाल का उल्लेख किया।
उन्होंने कहा, ‘‘पंडित नेहरू ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाया और उनकी आलोचना करने वालों को गिरफ्तार किया। इंदिरा जी तो इस मामले में स्वर्ण पदक विजेता बनी हुई हैं। उन्होंने प्रतिबद्ध न्यायपालिका, प्रतिबद्ध नौकरशाही का आह्वान किया और भयावह आपातकाल लगाया। राजीव जी ने मीडिया को राज्य के नियंत्रण में लाने की कोशिश की लेकिन बुरी तरह विफल रहे।’’ उन्होंने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार सोशल मीडिया हैंडल पर सिर्फ इसलिए प्रतिबंध लगा रही थी क्योंकि कांग्रेस को उनके विचार पसंद नहीं थे।
नड्डा ने कहा, ‘‘इन दिनों, आईएनडीआई गठबंधन केवल दो चीजें कर रहा है: सनातन संस्कृति को कोसना.. सनातन संस्कृति को गालियां देने में, प्रत्येक दल में एक दूसरे को पछाड़ने की होड़ मची है। दूसरा, मीडिया को धमकी देना- प्राथमिकी दर्ज करना, पत्रकारों को धमकी देना, पूरी ‘नाजी’ शैली में ‘सूची’ बनाना कि किसे निशाना बनाना है। इन दलों में आपातकाल के दौर की मानसिकता जिंदा है।’’
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