Farmers March to Delhi : संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े किसान आज दिल्ली कूच करेंगे। दिन में 12 बजे के आसपास अलग-अलग संगठनों के किसान महामाया फ्लाईओवर के पास जमा होंगे। वहीं कुछ और किसान संगठन ग्रेटर नोएडा के परी चौक से ट्रैक्टर ट्राली के साथ कूच करेंगे। किसानों के इस आंदोलन को देखते हुए महामाया फ्लाईओवर के आसपास ट्रैफिक डायवजर्न कर दिया गया है। वहीं कई स्कूलों में छुट्टी कर दी गई है और कई स्कूल ऑनलाइन कक्षाएं चला रहे हैं। बड़ी संख्या में पुलिस बल और पीएसी को तैनात किया गया है।
दरअसल रविवार को तीनों प्राधिकरण, जिला प्रशासन और पुलिस कमिश्नर के साथ किसानों की तकरीबन 2 घंटे तक बैठक चली जो बेनतीजा निकली। अधिकारियों ने किसानों से अपील की थी कि वह दिल्ली कूच के कार्यक्रम को स्थगित कर दें, लेकिन किसान संगठनों ने उसे दरकिनार कर दिया। पूरे जिले में धारा 163 लागू कर दी गई है। उसके बावजूद भी किसान बड़ी संख्या में महामाया फ्लाईओवर के पास जुटेंगे और यहां से दिल्ली कूच करेंगे।
किसानों के इस आंदोलन को देखते हुए कई स्कूलों ने सोमवार को अपने स्कूलों में छुट्टी कर दी है और कई जगह पर ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। आंदोलन की वजह से जगह-जगह जाम लगने की आशंका को देखते हुए स्कूलों ने कदम उठाया है। वहीं दूसरी तरफ आम जनता को जाम की समस्या से बचने के लिए नोएडा पुलिस के ट्रैफिक विभाग ने डाइवर्जन प्लान तैयार किया है। उन्होंने बताया है कि जरूरत के हिसाब से डाइवर्जन प्रभावित किया जाएगा। चिल्ला बॉर्डर, डीएनडी, महामाया फ्लाईओवर के पास भी बड़ी संख्या में पुलिस और पीएसी को तैनात किया जाएगा।
गौरतलब है कि 25 नवंबर से शुरू हुआ किसान आंदोलन अब अपने चरम पर पहुंच गया है। संयुक्त किसान मोर्चा के फैसले के अनुसार आंदोलन के तीसरे और अंतिम चरण में आज संसद सत्र के दौरान किसान दिल्ली कूच कर रहे हैं।
किसानों ने अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर प्राधिकरण के सामने महापंचायत की थी। जिसमें उनकी मुख्य मांगे हैं कि पुराने भूमि अधिग्रहण कानून के तहत प्रभावित किसानों को 10 प्रतिशत प्लॉट और 64.7 प्रतिशत बढ़ा हुआ मुआवजा मिले। 1 जनवरी 2014 के बाद अधिग्रहित भूमि पर बाजार दर का चार गुना मुआवजा और 20 प्रतिशत प्लॉट दिया जाए। इसके साथ ही सभी भूमिधर और भूमिहीन किसानों के बच्चों को रोजगार और पुनर्वास लाभ भी मिले। हाई पावर कमेटी द्वारा पास किए गए मुद्दों पर सरकारी आदेश जारी किया जाए। इसके अलावा आबादी क्षेत्र का उचित निस्तारण किया जाना चाहिए।