First Ecological Task Force : भारतीय सेना और टेरिटोरियल आर्मी (टीए) ने मई 2019 में राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) के तहत गंगा नदी के पुनर्जीवन के लिए पहली कॉम्पोजिट इकोलॉजिकल टास्क फोर्स (सीईटीएफ) का गठन किया। जल शक्ति मंत्रालय द्वारा वित्तपोषित इस इकाई को “गंगा टास्क फोर्स” के नाम से जाना जाता है। 137 सीईटीएफ, जो पूर्व सैनिकों पर आधारित है, गंगा पुनर्जीवन के लिए नदी किनारे वेटिवर पौधारोपण, घाट पेट्रोलिंग, जागरूकता कार्यक्रम और प्रदूषण निगरानी जैसे कार्यों को अंजाम देता है।
इसकी प्रदूषण निगरानी रिपोर्ट को एनएमसीजी द्वारा अन्य एजेंसियों के नमूनों की तुलना के लिए मानक माना जाता है। इकाई के उत्कृष्ट प्रदर्शन को देखते हुए, एनएमसीजी और भारत सरकार ने गोमती नदी के पुनर्जीवन के लिए एक अतिरिक्त कंपनी गठित करने की मंजूरी दी। इस संदर्भ में, 9 सितंबर 2024 को “गोमती कंपनी” के गठन के लिए सरकारी स्वीकृति पत्र जारी किया गया। इसमें चार जूनियर कमीशन अधिकारी और 100 पूर्व सैनिक शामिल होंगे और इसका मुख्यालय लखनऊ में होगा।
गोमती कंपनी 1 जनवरी 2025 को प्रभावी हो गई है, और इसका “सॉफ्ट रेज़िंग सेरेमनी” मुख्यालय सेंट्रल कमांड द्वारा आयोजित किया गया। इस महीने के दूसरे सप्ताह में जल शक्ति मंत्री, डीजीटीए और जीओसी इन सी सेंट्रल कमांड द्वारा इसका मेगा उद्घाटन समारोह आयोजित किया जाएगा।
नदी पुनर्जीवन परियोजनाएं समय की मांग हैं और भारतीय सेना इस दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। गोमती कंपनी का गठन लखनऊ के लोगों की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करता है और सरकार के प्रयासों को बढ़ावा देता है। इसके साथ ही यमुना टास्क फोर्स (वाईटीएफ) के गठन की दिशा में भी कदम उठाए जा रहे हैं।