नयी दिल्ली: अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के पूर्व महानिदेशक वी. एस. अरुणाचलम का बुधवार को अमेरिका में निधन हो गया। वह 87 वर्ष के थे। उनके परिवार ने एक बयान में यह जानकारी दी।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अरुणाचलम के निधन पर शोक जताया है।
बयान में कहा गया, ‘‘बड़े दुख के साथ, हम डॉ. वी. एस. अरुणाचलम के निधन की सूचना देना चाहते हैं। कैलिफोर्निया में परिवार के बीच उन्होंने अंतिम सांस ली।’’ उन्होंने भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बीएआरसी), राष्ट्रीय वैमानिकी प्रयोगशाला और रक्षा धातुकर्म अनुसंधान प्रयोगशाला तक में सेवाएं दी थीं।
अरुणाचलम वर्ष 1982-92 तक रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार रहे थे।
इंजीनियंरग विज्ञान और प्रौद्योगिकी में अरुणाचलम के योगदान के लिए उन्हें शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार (1980), पद्म भूषण (1985) और पद्म विभूषण (1990) से सम्मानित किया गया था।
विदेश मंत्री ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, ‘‘रक्षा मंत्री के पूर्व वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. वी. एस. अरुणाचलम के निधन के बारे में जानकर गहरा दुख हुआ। वह रक्षा, प्रौद्योगिकी और परमाणु मामलों पर कई लोगों के मार्गदर्शक थे।’’ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि अरुणाचलम ने 1982-92 के दौरान एक दशक तक डीआरडीओ का मार्गदर्शन किया और उसे आकार दिया, उसके बाद इस पद पर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम रहे।
उन्होंने कहा, ‘‘डॉ. अरुणाचलम के विशेष रूप से प्रधानमंत्री राजीव गांधी के साथ बहुत मधुर संबंध थे। उनमें गैर-वैज्ञानिकों द्वारा भी समझने योग्य भाषा में वैज्ञानिक विचारों को संप्रेषित करने की अद्भुत क्षमता थी।