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सूर्य नगरी देव में चार दिवसीय कार्तिक छठ मेला शुरू

औरंगाबाद। बिहार में औरंगाबाद जिले के ऐतिहासिक, धार्मिक और पौराणिक स्थल देव में चार दिवसीय कार्तिक छठ मेला आज से आरंभ हो गया है। छठ मेले के लिए राज्य के कोने-कोने और देश के विभिन्न भागों से श्रद्धालुओं का देव पहुंचना शुरू हो गया है। इस अवसर पर यहां के त्रेतायुगीन सूर्य मंदिर को अत्यंत.

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औरंगाबाद। बिहार में औरंगाबाद जिले के ऐतिहासिक, धार्मिक और पौराणिक स्थल देव में चार दिवसीय कार्तिक छठ मेला आज से आरंभ हो गया है। छठ मेले के लिए राज्य के कोने-कोने और देश के विभिन्न भागों से श्रद्धालुओं का देव पहुंचना शुरू हो गया है। इस अवसर पर यहां के त्रेतायुगीन सूर्य मंदिर को अत्यंत आकर्षक ढ़ंग से सजाया गया है और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जिला प्रशासन की ओर से विशेष इंतजाम किए गए हैं। चार दिनों का यह पवित्र अनुष्ठान आज नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया है, जो 8 नवंबर को प्रात: उदयाचल सूर्य को अघ्र्य अर्पित किये जाने के साथ सम्पन्न होगा। जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री ने बताया कि इस बार 10 लाख से भी अधिक श्रद्धालुओं के यहां पहुंचने की संभावना है।

ऐसे में श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की कोई दिक्कत नहीं हो, इस बात का खास ख्याल रखा जा रहा है। उन्होंने बताया कि मेले के दौरान आवासन, बिजली, पेयजल , परिवहन, पार्किंग, सुरक्षा, स्वास्थ्य आदि के बेहतर प्रबंध किए जा रहे हैं । मेला क्षेत्र और मंदिर परिसर में महिला श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर बड़ी संख्या में महिला पुलिसकर्मियों की भी तैनाती की गयी है। सुप्रसिद्ध सूर्य तीर्थस्थल देव में कार्तिक छठ व्रत करने आये पूर्वोत्तर भारत के राज्यों उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, बंगाल, उत्तरांचल एवं बिहार के विभिन्न जिलों के श्रद्धालु छठव्रती महिलाओं ने यहां स्थित पवित्र सूर्यकुण्ड में विशिष्ट स्नान किया और ऐतिहासिक त्रेतायुगीन पश्चिमाभिमुख सूर्य मंदिर में सूर्यदेव की पूजा-अर्चना की।

आज छठव्रती महिलाओं ने जिले के विभिन्न इलाकों में स्थित नदियों, तालाबों एवं सरोवरों में अंत:करण की शुद्धि के लिए पवित्र स्नान किया और व्रत के दौरान इस्तेमाल किये जाने वाले बर्तनों की साफ-सफाई की। स्नान-पूजन के बाद छठव्रतियों ने नदी एवं कुएं के जल से शुद्धता के साथ कद्दू-भात का आहार बनाकर ग्रहण किया और प्रसाद स्वरूप अपने परिजनों को खिलाया।
गौरतलब है कि कार्तिक छठ व्रत के दौरान सूर्य नगरी देव आकर छठ व्रत करने की विशिष्ट धार्मिक और आध्यात्मिक महत्ता है। कहा जाता है कि यहां प्रति वर्ष दो बार कार्तिक एवं चैत माह में छठ व्रत के दौरान छठव्रतियों एवं श्रद्धालुओं को सूर्यदेव की उपस्थिति की साक्षात अनुभूति होती है।

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