Ambala Cantt Kapal Mochan Tirtha: बिलासपुर में कपाल मोचन तीर्थ मेले का आयोजन किया जाता है। इस मेले का बहुत पुराना इतिहास है। दूर-दूर से श्रद्धालु ऐतिहासिक स्थल पर माथा टेकने आते हैं। वहीं, हर साल अंबाला छावनी में भी पंजाब और हिमाचल से यात्री कपाल मोचन तीर्थ स्थल पर जाने के लिए आते हैं।
अंबाला से कपाल मोचन मेले के लिए स्पेशल बसें चलाई गई है। कल हरियाणा रोडवेज की 15 बसें श्रद्धालुओं को लेकर कपाल मोचन में गई। कपाल मोचन जा रहे श्रद्धालुओं ने बताया कि हम काफी सालों से जा रहे हैं। वहां पर मांगी हर मन्नत पूरी होती है। उन्होंने बताया कि रोडवेज की सुविधा काफी अच्छी हैं और वे कपाल मोचन हर साल जाते हैं।
एक महिला श्रद्धांलू का कहना हैं कि बस स्टैंड पर कुछ सुविधाओं की कमी हैं जैसे सफाई व्यवस्था या पीने का पानी ये व्यवस्था ठीक होनी चाहिए। वही यात्रा सें वापिस आये और पंजाब वापिस जाने वाले लोगो का कहना हैं कि वे मेले मे सें आये हैं और वापिस जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें मेले मे जाकर काफी अच्छा लगा।
बिलासपुर में कपाल मोचन तीर्थ मेले का आयोजन किया जाता है। इस मेले का बहुत पुराना इतिहास है। दूर-दूर से श्रद्धालु ऐतिहासिक स्थल पर माथा टेकने आते हैं। वहीं, हर साल अंबाला छावनी में भी पंजाब और हिमाचल से यात्री कपाल मोचन तीर्थ स्थल पर जाने के लिए आते हैं। कपाल मोचन मेले को रोडवेज के अधिकारियों ने तैयारियां शुरू कर दी है।
इसके लिए छावनी बस अड्डा परिसर में काउंटर बनाया गया है। अंबाला से कपाल मोचन मेले के लिए स्पेशल बसें चलाई जाती हैं। इस बार भी मेले के लिए छावनी से स्पेशल बसें चलाई गई हैं, जो श्रद्धालुओं को बिलासपुर में सीधा कपाल मोचन मेले पर ले जाएंगी। अंबाला छावनी बस स्टैंड SS अधिकारी विजेंद्र सिंह ने बताया कि कपाल मोचन का मेला हर साल लगता है हमने हर साल की भांति इस साल भी तैयारियां कर रखी है।
इनके लिए हमने तैयारी 11 तारीख से ही शुरू कर दी थी। कल 10 बसें अंबाला डिपो और 5 बसे यमुनानगर डिपो की बसें गई है। श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो। इसके लिए रोडवेज की ओर से पहले से ही अंबाला छावनी बस अड्डे पर सुविधा की गई है।