आशा वर्कर यूनियन ने अपनी मांगों को लेकर शहरी विधायक प्रमोद विज को ज्ञापन सौंपा। यूनियन की पूर्व राज्य प्रधान सुमन ने बताया कि 2018 में हरियाणा सरकार से बातचीत के आधार पर हुआ समझौता सरकार द्वारा पूरा नहीं किया गया है। हरियाणा सरकार आशा वर्कर को 4000 रुपए महीना मानदेय देती है। जिसमें परिवार का गुजारा बेहद मुश्किल है। जबकि आशा वर्कर स्वास्थ्य विभाग की तमाम गतिविधियों में जिम्मेदारी के साथ अपना कर्तव्य निभा रही है।
उन्होंने मांग करते हुए कहा कि सरकार उन्हें 26000 रुपए न्यूनतम वेतन दिया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार उनके स्वास्थ्य की गारंटी ले। इसके अलावा उन्हें ईएसआई और पीएफ की सुविधा दी जाए। इसके साथ ही सरकार उन्हें मैटरनिटी लीव भी दे। रिटायरमेंट के बाद उन्हें पेंशन दी जाए।