सुलझ गया मंत्री अनिल विज से जुड़ा बड़ा विवाद, जानिए आखिर कैसे माने विज

हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज और मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर के बीच चल रहे विवाद का आखिरकार 64 दिन बाद पटाक्षेप हो गया। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विज की रातों को मानते हुए स्वास्थ्य विभाग की महानिदेशक डॉ. सोनिया त्रिखा खुल्लर की छुट्टी कर दी। सोनिया मुख्यमंत्री के मुख्य.

हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज और मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर के बीच चल रहे विवाद का आखिरकार 64 दिन बाद पटाक्षेप हो गया। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विज की रातों को मानते हुए स्वास्थ्य विभाग की महानिदेशक डॉ. सोनिया त्रिखा खुल्लर की छुट्टी कर दी। सोनिया मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर की पत्नी हैं। अब डी.जी. हैल्थ सैकेंड डॉ. आर. एस पुनिया बतौर एच.ओ.डी. स्वास्थ्य विभाग का कामकाज देखेंगे।

सोनिया को अन्य किसी महकमे में डायरैक्टर रैंक पर अहम जिम्मेदारी मिल सकती है। बताया गया कि सोनिया खुल्लर 10 दिनों के लिए छुट्टी पर जा रही हैं। फिलहाल सोमवार से स्वास्थ्य विभाग में पैंडिंग फाइलों का काम शुरू हो जाएगा। विधानसभा के शीतकालीन सत्र में अब अनिल विज स्वास्थ्य विभाग से जुड़े सवालों का जवाब देंगे। चर्चा है कि विधानसभा सत्र के कारण ही मुख्यमंत्री ने मामले के समाधान मैं तत्परता दिखाई। पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा सहित अन्य विपक्षी विधायकों ने सदन में इस मामले को उठाने की बात कही थी। विपक्षी दलों की ओर से लगातार सरकार पर कटाक्ष किए जा रहे थे।

स्वास्थ्य मंत्री विज की नाराजगी की मुख्य वजह बीते 4 अक्तूबर को मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर की ओर से रखी गई स्वास्थ्य विभाग की रिव्यू मीटिंग है। पंचकूला के रैस्ट हाऊस में हुई इस बैठक में विभाग के सभी आला अधिकारी मौजूद थे। हालांकि उनकी ओर से मीटिंग की फौरी जानकारी एक दिन पहले स्वास्थ्य मंत्री को दी गई थी लेकिन मीटिंग की अगुवाई खुल्लर ने की थी जिसमें विभाग के सभी आला अधिकारी मौजूद थे। इस रिव्यू मीटिंग का मकसद सेहते महकमे के पैडिंग पड़े कामों की जानकारी लेकर उन्हें पूरा करना बताया गया था। इसके बाद से विज ने नाराज होकर स्वास्थ्य विभाग का कामकाज छोड़ दिया था। इन 64 दिन में सिर्फ 2 फाइलें ही निकली है जिस पर विज के साइन के बजाय निजी सचिव ने साइन कर फाइल आगे भेज दी थी। उक्त फाइल में कर्मचारियों की स्वास्थ्य संबंधी कैशलैश पॉलिसी योजना तथा प्रस्तावित एम्स से जुड़ी एक फाइल शामिल थी।

स्वास्थ्य विभाग में बने गतिरोध को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री और अनिल विज के बीच दो मीटिंगें हुई थी।सबसे पहले 15 नवम्बर को मुख्यमंत्री निवास पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के बीच लंबी वार्ता हुई थी। जिसमें विज ने पूरे तथ्यों के साथ मामले को रखा था। इसके बाद भी विवाद का हल नहीं निकलने पर अनिल विज ने हैल्थ महकमा छोड़ने की बात कही थी। मामले की सुर्खियां बनने पर फिर मुख्यमंत्री ने 2 दिन पहले 7 दिसम्बर को विज के साथ फिर मीटिंग की जिसमें विज ने डी.जी. हैल्थ डा. सोनिया खुल्लर की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताई थी। चर्चा है कि विज ने मुख्यमंत्री से सोनिया खुल्लर को हटाने की मांग की जिसके बाद शनिवार सुबह मुख्यमंत्री ने विज की मांग को पूरा करने की हरी झंडी दे दी।

विज से जुड़े विवाद का मामला भाजपा हाईकमान तक पहुंचा था। इसको सुलझाने के लिए हाईकमान की ओर से खास निर्देश दिए गए थे। सूत्रों की मानें तो केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने मामले में खास पहल की। उधर विवाद के 2 महीने पार होने से विज की तल्खी भी बढ़ रही थी और उनकी ओर से शीतकालीन सत्र में नहीं जाने के भी संकेत दिए गए थे। इसके अलावा विपक्षी दलों कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और इनैलो की ओर से लगातार इस मामले पर कटाक्ष किए जा रहे थे। इनैलो नेता अभय चौटाला विधानसभा सत्र में इस मामले पर सरकार से जवाब मांगने की बात कह रहे थे। वहीं कांग्रेस भी इस मामले को उठाने की तैयारी में थी। ऐसे में विधानसभा सत्र से पहले इस मामले का निपटारा करना मुख्यमंत्री के लिए जरूरी हो गया था।

 

 

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