हिसार:हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्राकृतिक खेती को समय की मांग बताते हुए खाद्य एवं पोषण सुरक्षा के लिए वैश्विक स्तर पर कृषि वैज्ञानिकों से सामूहिक प्रयास करने का आह्वान किया है। मुख्यमंत्री आज चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में ‘वैश्विक खाद्य-पोषण सुरक्षा, स्थिरता और स्वास्थ्य के लिए रणनीति’ विषय पर आयोजित तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन तथा कृषि क्षेत्र में उद्यमिता एवं नवाचार पर प्रदर्शनी के उद्घाटन अवसर पर बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरित क्रांति के साथ फसल उत्पादन बढ़ाने के लिए विभिन्न रसायनों, उर्वरकों उपयोग में तेजी से वृद्धि हुई है जिससे दूसरी पीढ़ी की समस्याएं जैसे भूजल का दूषित होना, प्रदूषण और मिट्टी के स्वास्थ्य में गिरावट, जैव-विविधता की क्षति आदि उत्पन्न हो गई हैं। इसलिए प्राकृतिक खेती समय की मांग है। उन्होंने कहा हरियाणा में कृषि के सतत विकास के लिए राज्य सरकार परम्परागत कृषि विकास योजना के तहत बागवानी फसलों, जलीय कृषि, मुर्गी पालन आदि के माध्यम से फसल विविधीकरण को बढ़ावा दे रही है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर 14 देशों की प्रसिद्ध शोध संस्थाओं से आए प्रख्यात वैज्ञानिकों के साथ बैठक भी की। उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रदेश ने कृषि क्षेत्र में शानदार उपलब्धियां हासिल की हैं। यहां के कृषि उत्पाद का निर्यात देश व दुनियां के कई देशों में हो रहा है। अब उत्पादन के साथ-साथ इसकी गुणवत्ता बढ़ाने के लिए दुनियां के कई देशों के साथ मिलकर राज्य सरकार द्वारा काम किया जा रहा है। कृषि में आधुनिकता लाने व समस्याओं को एक साथ हल करने के लिए हम दूसरे देशों का भी स्वागत करते है। विशेष तौर पर इजराइल के साथ हमने अच्छे संबंध बनाए है जिसमें हमारे यहां चल रहे 14 उत्कृष्ठता केन्द्रों में इजराइल के साथ-साथ जापान का भी योगदान रहा है और भविष्य में दूसरे देशों के साथ भी कृषि गतिविधियों को बढ़ाया दिया जाएगा।