चंडीगढ़: अंबाला ऑब्जव्रेशन होम में रखे गए एक नाबालिक द्वारा आत्महत्या करने के मामले में हरियाणा मानवाधिकार आयोग ने सुनवाई करते हुए मृतक के परिजनों को 7.50 लाख रुपये मुआवजा राशि जारी करने के आदेश दिए हैं। नाबालिग पर फतेहाबाद में 12 जनवरी 2022 को केस दर्ज हुआ था। जिसे 13 जनवरी 2022 को पकड़कर अंबाला ऑब्जव्रेशन होम में लाया गया। मगर अगले दिन 14 जनवरी 2022 को नाबालिग ने आत्महत्या कर ली।
इस मामले में किशोर न्याय एवं बाल संरक्षण आदर्श नियम के तहत नाबालिग की अप्राकृतिक मौत पर प्रधान मजिस्ट्रेट किशोर न्याय बोर्ड अंबाला द्वारा जांच की गई और शव का पोस्टमार्टम करवाया गया था। मामले में न्याय के लिए मृतक के परिजनों ने हरियाणा मानवाधिकार आयोग का दरवाजा खटखटाया था। दो सितंबर 2023 को आयोग के कार्यवाहक दीप भाटिया द्वारा आदेश पारित करते हुए हरियाणा सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग चंडीगढ़ के अतिरिक्त मुख्य सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी किया और उनसे पूछा गया कि क्यों न नाबालिग मृतक के कानूनी उत्तराधिकारियों को पहले से निश्चित 7.50 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए।
प्रधान मजिस्ट्रेट किशोर न्याय बोर्ड फतेहाबाद की रिपोर्ट से यह सिद्ध हो गया कि किशोर की अप्राकृतिक मौत हो गई थी, जब वह ऑब्जर्वेशन होम में रखा गया था इसलिए वर्तमान मामला अभिरक्षा के दौरान अप्राकृतिक मृत्यु होने वाले व्यक्ति/कैदी को मुआवजा दिए जाने की स्थिति उत्पन्न होने पर हरियाणा सरकार द्वारा जारी निदेशरें के तहत आता है।