हरियाणा में 6 साल से नहीं हुआ पेट्रोल डीजल के मार्जिन मनी में संशोधन

चंडीगढ़: हरियाणा के पेट्रोल पंप मालिकों ने पेट्रोल एवं डीजल की बिक्री पर अपना मार्जिन बढ़ाने की मांग करते हुए कहा कि छह साल में इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। पेट्रोल पंप डीलर एसोसिएशन ने एक राष्ट्र-एक कर के अनुरूप पेट्रोलियम उत्पादों को भी नए जीएसटी प्रावधानों के तहत लाने की मांग की।.

चंडीगढ़: हरियाणा के पेट्रोल पंप मालिकों ने पेट्रोल एवं डीजल की बिक्री पर अपना मार्जिन बढ़ाने की मांग करते हुए कहा कि छह साल में इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। पेट्रोल पंप डीलर एसोसिएशन ने एक राष्ट्र-एक कर के अनुरूप पेट्रोलियम उत्पादों को भी नए जीएसटी प्रावधानों के तहत लाने की मांग की। पेट्रोलियम डीलर्स वेलफेयर एसोसिएशन हरियाणा के अध्यक्ष संजीव चौधरी ने कहा कि इसमें आखिरी संशोधन वर्ष 2017 में ही हुआ था। विभिन्न एसोसिएशन पिछले छह वर्षों से तेल विपणन कंपनियों के साथ लगातार बातचीत कर रही हैं और मार्जिन में संशोधन के लिए अनुरोध कर रही हैं। मार्जिन में संशोधन प्रत्येक छह माह में निर्धारित किए गए थे, लेकिन पिछले छह वर्षों से इसमें कोई संशोधन नहीं हुआ है।

कोविड के दौरान लगे विभिन्न प्रतिबंधों के कारण, पेट्रोलियम डीलरों को काफी नुकसान हुआ है जबकि तेल कंपनियों ने रिकॉर्ड मुनाफा कमाया। संजीव चौधरी ने कहा कि भारत में ईंधन स्टेशनों का सबसे बड़ा नेटवर्क है। देशभर में 70 हजार से अधिक पेट्रोल पंप हैं। सरकार द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रसार पर जोर के बावजूद यह अनुमान लगाया गया है कि निकट भविष्य में अर्थव्यवस्था की वृद्धि में पेट्रोल पंपों का योगदान भी बढ़ता रहेगा। कोरोना व लॉकडाउन और विभिन्न प्रतिबंधों के दौरान भी आपातकालीन सेवाओं के पहिए लगातार चलते रहे, यह सुनिश्चित करने के लिए पेट्रोल डीलर्स ने दिनरात काम किया।

कच्चे तेल की कीमतों में उतार- चढ़ाव मौजूदा परिदृश्य में भी पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतें मई 2022 से अपरिवर्तित बनी हुई हैं। इस बीच तेल विपणन कंपनियों ने वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में अच्छा मुनाफा कमाया है। संजीव चौधरी ने कहा कि 200 किलोलीटर से कम थ्रुपुट वाले छोटे डीलरों को तेल कंपनियों द्वारा विशेष पैकेज मिलना चाहिए। कई खराब पेट्रोल पंपों को देखते हुए तेल कंपनियों द्वारा नये पंप खोलने के फैसले को वापस लिया जाए।

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