एनआईए ने गुरुग्राम के गैंगस्टर कौशल चौधरी व अर्श डल्ला के बीच संबंधों का किया खुलासा

नई दिल्ली: गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और दविंदर बांभिया के पाकिस्तान के आईएसआई और खालिस्तानी अलगाववादियों के साथ संबंधों के चौंकाने वाले खुलासे के बाद, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कुख्यात कौशल चौधरी गिरोह (विशेष रूप से हरियाणा में सक्रिय) के वांछित खालिस्तानी समर्थक व बंबीहा गैंग से जुड़े खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) का सदस्य अर्शदीप.

नई दिल्ली: गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और दविंदर बांभिया के पाकिस्तान के आईएसआई और खालिस्तानी अलगाववादियों के साथ संबंधों के चौंकाने वाले खुलासे के बाद, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कुख्यात कौशल चौधरी गिरोह (विशेष रूप से हरियाणा में सक्रिय) के वांछित खालिस्तानी समर्थक व बंबीहा गैंग से जुड़े खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) का सदस्य अर्शदीप सिंह गिल, उर्फ अर्श डल्ला के बीच संबंधों का भी खुलासा किया है। गौरतलब है कि लॉरेंस बिश्नोई और कौशल चौधरी गिरोह ऐतिहासिक रूप से प्रतिद्वंद्वी रहे हैं।

आतंकवादी हरविंदर सिंह संधू उर्फ रिंदा के साथ बिश्नोई के संबंध और दल्ला के साथ चौधरी का संबंध कथित तौर पर पाकिस्तान आईएसआई और खालिस्तानी समर्थकों द्वारा बनाए गए कनेक्शन के एक जटिल जाल पर प्रकाश डालता है, जिसका संचालन राष्ट्रीय सीमाओं से परे तक फैला हुआ है।बिश्नोई और चौधरी दोनों सलाखों के पीछे और न्यायिक हिरासत में हैं।गौरतलब है कि कौशल चौधरी ने 2016 में कुख्यात गैंगस्टर देवेन्द्र बंबीहा को गुरुग्राम में पनाह दी थी। इसके बाद, देवेन्द्र बंबीहा की आरोपी कौशल चौधरी के गिरोह के साथ घनिष्ठता हो गई और दोनों एक साथ काम करने लगे। इसका खुलासा एनआईए की चाजर्शीट और जांच में हुआ।

एनआईए के आरोप पत्र में कहा गया है कि ‘‘आतंकवादी सिंडिकेट/गिरोह के प्रमुख सदस्य अर्श दल्ला, गौरव पटयाल उर्फ सौरव ठाकुर उर्फ लकी, सुखदूल सिंह आदि के नेटवर्क कनाडा, अमेरिका, यूरोप, मध्य पूर्व, थाईलैंड, दुबई, फिलीपींस आदि में हैं। जांच में पता चला है कि उनके जेल स्थित सहयोगियों जैसे भूपी राणा, सुखप्रीत सिंह उर्फ बुड्डा, कौशल चौधरी, अमित डागर आदि ने अपने प्रभाव क्षेत्र को बढ़ाने के लिए विदेशों में अपने स्वयं के नियंत्रण कक्ष स्थापित किए हैं।‘‘

एनआईए की चाजर्शीट में कहा गया है, ‘‘अमित डागर और कौशल चौधरी के पास सिंडिकेट/गिरोह को चलाने के लिए अलग-अलग देशों में उनके सहयोगी दिनेश गांधी, दलेर कोट, नीरज पंडित आदि हैं।’’एनआईए की चाजर्शीट ने जेल में बंद गैंगस्टर भूपी राणा और उसके शौकी राणा के संबंधों को और उजागर किया, जो वहां से अपना काम देखने के लिए विदेश में बैठा है। एनआईए ने अपने आरोप पत्र में दावा किया, ‘विदेश में स्थित आरोपी कानून प्रवर्तन एजेंसियों से बचने के लिए वर्चुअल मोबाइल नंबरों का उपयोग करके सिंडिकेट का संचालन कर रहे हैं, जबकि भारतीय जेलों में बंद आरोपी मोबाइल फोन के माध्यम से सिंडिकेट संचालन चला रहे हैं।‘

चाजर्शीट के मुताबिक,‘‘जांच से पता चला है कि अप्रैल 2020 में, अमित डागर, जो कौशल चौधरी-अमित डागर गिरोह का सदस्य है, जब वह रोहिणी जेल में बंद था, उसने फरार आरोपी दिनेश शर्मा उर्फ गांधी की मदद से व्हाट्सएपगौरव पटियाल से संपर्क किया।‘‘सूत्रों ने बताया कि डागर ने गौरव पटय़ाल को गैंग का प्रभाव क्षेत्र बढ़ाने के लिए कहा था।एनआईए की जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि लॉरेंस बिश्नोई गैंग द्वारा साल 2018 में गुरुग्राम में घुसकर कौशल चौधरी और अमित डागर की हत्या की योजना बनाई गई थी।चाजर्शीट में कहा गया है, ‘‘इस प्रकार, कौशल चौधरी और अमित डागर ने भी पंजाब स्थित गिरोह के साथ हाथ मिलाने का फैसला किया, जिनकी लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के साथ प्रतिद्वंद्विता थी। इसलिए, आरोपी अमित डागर ने बंबीहा गिरोह के पंजाब स्थित अपराधी गौरव पटयाल और फतेह नगरी के साथ मिलकर काम करना शुरू कर दिया।’’

कौशल चौधरी, जो पहले से ही गौरव पटयाल और सुखप्रीत सिंह उर्फ बुड्डा से परिचित था, उनकी मुलाकात दुबई में हुई थी।बाद में कौशल चौधरी बंबीहा गिरोह के फतेह नगरी के संपर्क में आया, जबकि दोनों संगरूर जेल में बंद थे। कुछ समय बाद आरोपी नवीन बाली और सुनील बालियान उर्फ टिल्लू ताजपुरिया (अब मृतक) भी गौरव पटयाल के संपर्क में आए।‘‘वर्ष 2021 में, जब अमित डागर सेंट्रल जेल, तिहाड़ में बंद था, तो उसकी दोस्ती बंबीहा गिरोह के सहयोगी आरोपी भूपिंदर सिंह उर्फ भूपी राणा से हो गई। इस प्रकार वर्ष 2021 तक बंबीहा गैंग के मुख्य साथी गैंग के संपर्क में आ चुके थे।

दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान आदि में काम करना शुरू कर दिया और अपने प्रभाव क्षेत्र व संचालन को बढ़ाने के इरादे से अपनी योजनाओं को क्रियान्वित करने के लिए मिलकर काम करना शुरू कर दिया। आरोप पत्र में कहा गया है कि जेलों से मोबाइल फोन का उपयोग करके उनकी मुलाकात और लगातार बातचीत के कारण कई बड़ी घटनाएं हुईं।एनआईए सूत्रों के अनुसार, कौशल चौधरी के गिरोह के सदस्यों को अजय जैलदार, जॉनी उर्फ हंस, इंदर, देवेंदर नुहानी (भिवाड़ी और गुरुग्राम में हरीश बेकरी के मालिक और डॉ. एसपी यादव, सभी गुरुग्राम के निवासी) को खत्म करने का काम सौंपा गया था।एनआईए की चाजर्शीट में यह भी दावा किया गया है कि दल्ला ने गैंगस्टरों को मशहूर पंजाबी गायक मनकीरत सिंह औलख, आरएसएस नेता नरेश कुमार और शिव सेना हिंद नेता अमित अरोड़ा को खत्म करने का काम सौंपा।

एनआईए के अनुसार, कौशल और अमित दोनों व्यापारियों से जबरन वसूली/धमकी/हत्या, गायकों, व्यापारियों और खिलाड़ियों के बीच आतंक पैदा करने और उनके लिए हथियारों की व्यवस्था करने में शामिल थे।अधिकारियों ने कहा कि ये दोनों अपराधों आतंकवादी गतविधियों का अंजाम देने के लिए विदेश में ठिकाना बनाए आतंकवादियों के साथ संपर्क में भी रहे।

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