सिरसा जिला में पिछले 2 हफ़्तों से तांडव मचा चुकी घग्गर नदी अब थोड़ी सी शांत हुई है। पिछले दिनों सिरसा की घग्गर नदी में ही 50 हजार क्यूसेक से ज्यादा पानी आ गया था लेकिन जिला प्रशासन के अधिकारियों की ततपरता से पानी को राजस्थान में जल्द से जल्द छोड़ा गया है जिससे अब सिरसा सुरक्षित नजर आ रहा है। फ़िलहाल सिरसा की घग्गर नदी में अब 36 हजार क्यूसेक पानी है। फ़िलहाल अब सिरसा जिला में बाढ़ अब कंट्रोल में है और अभी भी जिला प्रशासन के अधिकारी बाढ़ से बचाव के लिए प्रयासरत है। घटते जलस्तर के बावजूद सिरसा जिला प्रशासन अलर्ट मोड़ पर दिखाई दे रहा है। सिरसा जिला प्रशासन के अधिकारी दिन रात घग्गर नदी से सटे गांवों में खुद निगरानी रख रहे है ताकि सिरसा की घग्गर नदी दोबारा से सिरसा माँ अपना तांडव रूप ना दिखाए।
घग्गर मंडल के एक्स एन अजीत हुड्डा ने मीडिया से बातचीत में बताया कि एक समय तो 11 जुलाई को गुल्हा चीका में 82 हजार क्यूसेक पानी आया था और लगातार उसके बाद गुल्हा चीका में जलस्तर बढ़ता जा रहा था जिसके बाद सिरसा की घग्घर नदी में भी जलस्तर बढ़ता गया लेकिन अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सिरसा की घग्गर नदी से राजस्थान में पानी छोड़ा गया। उन्होंने कहा कि पंजाब के सरदूलगढ़ में 58 हजार क्यूसेक पानी पिछले दिनों रिकॉर्ड दर्ज किया गया था जिसके बाद हालात बेकाबू हो गए थे। उन्होंने कहा कि फ़िलहाल अब सरदूलगढ़ में 36 हजार क्यूसेक पानी रिकॉर्ड दर्ज किया गया है जिससे अब सिरसा में राहत मिली है। उन्होंने कहा कि सिरसा की ओटू हेड पर अभी भी 36 हजार क्यूसेक पानी है। उन्होंने कहा कि फ़िलहाल सिरसा जिला में अब बाढ़ कंट्रोल में है लेकिन अभी भी पानी खतरे के निशान से कही अधिक है।
उन्होंने कहा कि बाढ़ से किसानों की हजारों एकड़ फसल प्रभावित हुई है। उन्होंने कहा कि अगर आने वाले दो तीन दिनों में सिरसा में जलस्तर और कम होता है तो सिरसा में बाढ़ का खतरा कम होगा। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों चंडीगढ़ और अंबाला में हुई भारी बारिश से जलस्तर और बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि फ़िलहाल अब गुल्हा चीका में करीब 38 हजार क्यूसेक पानी है और गुल्हा चीका का पानी भी सिरसा की घग्गर नदी में ही आएगा। उन्होंने कहा कि आज से कई दिनों तक भारी बारिश होने की संभावना है अगर भारी बारिश होती है तो सिरसा में जलस्तर और बढ़ेगा जो सिरसा के लिए खतरनाक साबित होगा।